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मुट्ठी भर एहसान

4.4
3742

आज कुलीना तीन दिन बाद काम पर आई थी। उसे देखते हैं दीप्ति का दिमाग ऐसे छनका, जैसे गर्म तवे पर पानी का छींटा मारने पर छनकता है।      " तुम कहां थी तीन दिन ? बता कर तो जाना चाहिए था "!        " ...

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लेखक के बारे में
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Meenakshi Singh

किशोरावास्था से लेखन रूझान, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित, राजनीति विज्ञान से परा-स्नातक, " बस तुम्हारे लिये" नामक एकल कविता संग्रह.. लेखन मेरी खुशी है और इन खुशियों में मैं जीती हूं..

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    P
    11 दिसम्बर 2020
    कहानी अच्छी लगी है, जो काबिले तारीफ है तथा अच्छा लिखा है आपने ।
  • author
    Dr. Manju Gupta "सरल"
    01 जून 2020
    कड़वा सत्य है यह वैवाहिक जीवन का
  • author
    Ruby Saini
    02 सितम्बर 2020
    I like every story
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    P
    11 दिसम्बर 2020
    कहानी अच्छी लगी है, जो काबिले तारीफ है तथा अच्छा लिखा है आपने ।
  • author
    Dr. Manju Gupta "सरल"
    01 जून 2020
    कड़वा सत्य है यह वैवाहिक जीवन का
  • author
    Ruby Saini
    02 सितम्बर 2020
    I like every story