थोड़ी सी ख़ुशियां बांट लूं, ग़म सिमट जायेंगे, ओढ़लूँ उदासी तो, क्या ग़म लौट जायेंगे। सागर है तो उसमे, तूफ़ान आयेंगे जायेंगे, तूफ़ान से डर कर, मछुवारे क्या घर बैठ जायेंगे। फूलों से लदे पेड़ तो, ख़ुश ...
थोड़ी सी ख़ुशियां बांट लूं, ग़म सिमट जायेंगे, ओढ़लूँ उदासी तो, क्या ग़म लौट जायेंगे। सागर है तो उसमे, तूफ़ान आयेंगे जायेंगे, तूफ़ान से डर कर, मछुवारे क्या घर बैठ जायेंगे। फूलों से लदे पेड़ तो, ख़ुश ...