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मुरझाया गुलाब #ओवुमनिया

4.5
15544

तुम कुछ बोलोगी भी या नहीं ? डॉक्टर साहब कुछ पूछ रहे हैं न ? अब आई हो तो बोलो!"  "सब ठीक है। मैं बिल्कुल ठीक हूँ ।मुझे कोई परेशानी नहीं है।" "तो,  क्यों आई हो ? अब फीस दिया है तो बात कर ही लो ताकि ...

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लेखक के बारे में
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Tinni Shrivastava
समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Er. BHUPENDRA KUMAR PATEL
    03 ఫిబ్రవరి 2020
    बड़े चाव से देते हो पंछियों को दाना पानी, अगर इतना ही प्यार है तो उन्हें पिजरों से रिहा कर दो न ... ये कहानी बिल्कुल सही है कभी कभी कुछ ज्यादा प्यार दिखाने के चक्कर में हम सामने वाले की आज़ादी पे दखल देने लगते है अच्छी कहानी थी
  • author
    kriti tiwari
    01 ఫిబ్రవరి 2020
    mere khayal se ye hr doosre house wife k sath hota h ya hota hoga ....
  • author
    shubhra singh pammi
    28 జనవరి 2020
    अच्छी कहानी,,,,शायद बहुतों ने ये दर्द सहा है
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    Er. BHUPENDRA KUMAR PATEL
    03 ఫిబ్రవరి 2020
    बड़े चाव से देते हो पंछियों को दाना पानी, अगर इतना ही प्यार है तो उन्हें पिजरों से रिहा कर दो न ... ये कहानी बिल्कुल सही है कभी कभी कुछ ज्यादा प्यार दिखाने के चक्कर में हम सामने वाले की आज़ादी पे दखल देने लगते है अच्छी कहानी थी
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    kriti tiwari
    01 ఫిబ్రవరి 2020
    mere khayal se ye hr doosre house wife k sath hota h ya hota hoga ....
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    shubhra singh pammi
    28 జనవరి 2020
    अच्छी कहानी,,,,शायद बहुतों ने ये दर्द सहा है