31 जुलाई जन्म दिवस पर विशेष मुंशी प्रेमचंद की प्रासंगिकता राजीव आनंद 31 जुलाई 1880 को बनारस के निकट लमही ग्राम में अजायब राय के घर जन्में धनपत राय आठ बर्ष के उम्र में ही अपनी माॅं को खो दिया। पिता ने दूसरा ब्याह कर लिया, सौतेली माॅं क्या होती है इसका कटु अनुभव उन्हें बचपन से ही था. अपनी माॅं के याद में धनपत राय तड़प-तड़प कर बड़े हुए। समाजिक कुरीतियों के प्रति धनपत राय का विद्रोही स्वभाव की एक बानगी थी उनका षिवरानी नामक एक विधवा से दूसरा विवाह तब करना जब समाज में विधवा विवाह का विरोध चंहुओर होता ...