31 जुलाई जन्म दिवस पर विशेष मुंशी प्रेमचंद की प्रासंगिकता राजीव आनंद
31 जुलाई 1880 को बनारस के निकट लमही ग्राम में अजायब राय के घर जन्में धनपत राय आठ बर्ष के उम्र में ही अपनी माॅं को खो दिया। पिता ने ...
माननीय श्री राजीव आनन्द जी उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की पुन्यतिथि पर आपने बहुत ही उत्तम एवं कम शब्दों में भावपूर्ण श्रृद्धांजलि अर्पित की है ।निसंदेह आप मुंशी प्रेमचंद साहित्य के बहुत बङे ज्ञाता तथा मर्मज्ञ हैं । मैं भी उनका एक अनुयायी हूं तथा उनके साहित्य से प्रेरित होकर कुछ अक्षर जोङने का प्रयास करता हूं। यदि आप सचमुच ही " गोदान " पढ
चुके हैं,तो " गोदान के बाद " तथा " मंगलसूत्र का वरदान " भी अवश्य पढ देखें।मैं आपकी निष्पक्ष समीक्षा की प्रतीक्षा करूंगा। बहुत-बहुत धन्यवाद। पुनश्चः आपके लेखन मे जहाँ कहीं भी " श " का प्रयोग हुआ है वहाँ " ष " ही गल्ती से टाईप हुआ है ।कृपया अन्यथा न लें।
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