pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मुंशी जी

4.9
24

हर बार ये इल्ज़ाम रह गया..! हर काम में कोई काम रह गया..!! नमाज़ी उठ उठ कर चले गये मस्ज़िदों से..! दहशतगरों के हाथ में इस्लाम रह गया..!! खून किसी का भी गिरे यहां नस्ल-ए-आदम का खून है आखिर बच्चे सरहद पार ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

सुनो.... मैं तुम्हें गाली नहीं दूंगा, ना ही तुम पर पत्थर फेंकूँगा। मैं तुम्हें अपनी नज़रों से गिरा दूंगा,

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vinay Sinha
    01 अगस्त 2021
    सादर नमन
  • author
    शानदार और जानदार प्रस्तुति बेहतरीन अभिव्यक्ति बेजोड़ चित्रण किया है अद्भुत रचना मुंशी प्रेमचंद जी पर लिखी है
  • author
    01 अगस्त 2021
    मुंशी प्रेमचंद को कोटि कोटि नमन.🙏🙏 उनकी रचनाओं को लख लख सलाम..🙏🙏 🍀🍀🍀🍀🍀🎄🎄🎄🎄🎄
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vinay Sinha
    01 अगस्त 2021
    सादर नमन
  • author
    शानदार और जानदार प्रस्तुति बेहतरीन अभिव्यक्ति बेजोड़ चित्रण किया है अद्भुत रचना मुंशी प्रेमचंद जी पर लिखी है
  • author
    01 अगस्त 2021
    मुंशी प्रेमचंद को कोटि कोटि नमन.🙏🙏 उनकी रचनाओं को लख लख सलाम..🙏🙏 🍀🍀🍀🍀🍀🎄🎄🎄🎄🎄