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मुँह में राम बगल में छुरी

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इस बनावटी दुनिया में मुश्किल से मिलते है खरा असली  मुस्कुराहट में रखते है नकली चेहरा।। ईमानदारी का नकाब ओढ़े रखते ही दिल में नफरत मौका मिलते ही लोग दिखा देते है अपनी शराफत।। कितनी यकीन के साथ वे आकर ...

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लेखक के बारे में
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Dr Brijwasi Gupta

ना कवि, ना लेखक, ना ही इतिहासकार हूँ… जीवन है अबूझ पहेली, उसके कुछ पल लिखता हूँ.. मैं शब्द नही,अहसास लिखता हूं समझना थोड़ा मुश्किल है साहब लोग अल्फाज़ पढ़ते हैं।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    11 मई 2021
    bahut hi Accha Likha hai Apne 👌👌👌👌
  • author
    Pravesh soni
    11 मई 2021
    वाह बेहतरीन रचना 👌👌👌
  • author
    C. Santosh Singh
    11 मई 2021
    बढ़िया कविता
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  • author
    11 मई 2021
    bahut hi Accha Likha hai Apne 👌👌👌👌
  • author
    Pravesh soni
    11 मई 2021
    वाह बेहतरीन रचना 👌👌👌
  • author
    C. Santosh Singh
    11 मई 2021
    बढ़िया कविता