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"मुंगेरीलाल के हसीन सपने"

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"मुंगेरीलाल के हसीन सपने".... ************************** एकदम लहू जमा देने वाली कड़कड़ाती हुई सर्दी के मौसम में बगैर स्वेटर पहने अपने बच्चों को खुली सड़क पर जला रखे अलाव पर हाथ सेंक कर ठंड से ...

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लेखक के बारे में
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poet baba vk

घायल तन है.! और बिखरा हुआ मन है.! यह कोई हकीकत है कि सिर्फ पागलपन है.! --विचारक्रांति

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  • author
    Shaline Gupta
    17 டிசம்பர் 2019
    अच्छा है सपने मे ही सही व्यक्ति अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से जी लेता है।सुन्दर रचना
  • author
    डॉ रेनु सिंह
    17 டிசம்பர் 2019
    सपने तो सपने ही हैं।मुंगेरी लाल के कुछ ज्यादा हसीन हैं।
  • author
    17 டிசம்பர் 2019
    वाह क्या सपने हैं आपके mungerilal के लाजवाब
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    Shaline Gupta
    17 டிசம்பர் 2019
    अच्छा है सपने मे ही सही व्यक्ति अपनी जिन्दगी अपने हिसाब से जी लेता है।सुन्दर रचना
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    डॉ रेनु सिंह
    17 டிசம்பர் 2019
    सपने तो सपने ही हैं।मुंगेरी लाल के कुछ ज्यादा हसीन हैं।
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    17 டிசம்பர் 2019
    वाह क्या सपने हैं आपके mungerilal के लाजवाब