गुणवत्ता की गहराई पर मैं कैसा गोताखोर हूं बन जाता सागरजल कानन के काठ का पतवार हूं एक बार इसका मजा ले ले जो उसका मैं यार हूं सागर पार कराने वाला मैं मांझी का पतवार हूं गुणवत्ता की गहराई ...
मैं हरमन कुमार बघेल व्याख्याता शास.क.उ.मा.वि.आरंग रायपुर छ.ग.
आज के परिवेश में सहज-सरल समझने योग्य मेरी मुक्त कवितायें आप सभी श्रेष्ठ जनों को पसंद आ रही है तो मेरी रचना एक बार अवश्य पढ़े व अपना आशीर्वाद अवश्य बनायें रखें।
सारांश
मैं हरमन कुमार बघेल व्याख्याता शास.क.उ.मा.वि.आरंग रायपुर छ.ग.
आज के परिवेश में सहज-सरल समझने योग्य मेरी मुक्त कवितायें आप सभी श्रेष्ठ जनों को पसंद आ रही है तो मेरी रचना एक बार अवश्य पढ़े व अपना आशीर्वाद अवश्य बनायें रखें।
रिपोर्ट की समस्या
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