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मुक्तक:-- ✍️गुणवत्ता की गहराई पर मैं कैसे गोताखोर हूं ✍️

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गुणवत्ता की गहराई पर मैं कैसा गोताखोर हूं बन जाता सागरजल कानन के काठ का पतवार हूं एक बार इसका मजा ले ले जो उसका मैं यार हूं सागर पार कराने वाला मैं मांझी का पतवार हूं            गुणवत्ता की गहराई ...

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लेखक के बारे में
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Harmankumar Baghel

मैं हरमन कुमार बघेल व्याख्याता शास.क.उ.मा.वि.आरंग रायपुर छ.ग. आज के परिवेश में सहज-सरल समझने योग्य मेरी मुक्त कवितायें आप सभी श्रेष्ठ जनों को पसंद आ रही है तो मेरी रचना एक बार अवश्य पढ़े व अपना आशीर्वाद अवश्य बनायें रखें।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Poonam Arora
    30 दिसम्बर 2022
    बेहतरीन बेमिसाल बेजोड़ अभिव्यक्ति प्रस्तुति 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
  • author
    mehar singh
    31 दिसम्बर 2022
    बहुत ही सुन्दर रचना 👌👌
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    Poonam Arora
    30 दिसम्बर 2022
    बेहतरीन बेमिसाल बेजोड़ अभिव्यक्ति प्रस्तुति 👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
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    mehar singh
    31 दिसम्बर 2022
    बहुत ही सुन्दर रचना 👌👌