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मुखौटा

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4.1

कई दिनो से नए पड़ोसी के दोहरे रहन सहन देख देख कर सेवानिवृत टीचर हेमंत जी आश्चर्यचकित रहते। कभी गुस्सा से भर उठते तो कभी हंसी रोकना मुश्किल हो जाता। वे सोचते, आखिर दोहरा जीवन कैसे जीते हैं लोग। एक ...