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मुझसे मत पूछना पता

4.3
1256

सुनो ! मुझसे मत पूछना पता काबे और काशी का मत कहना जलाने को दीया आस्था का क्योँ कि मेरी जंग जारी है अंधेरोँ के खिलाफ मैँ साक्षी हूँ इस सत्य का कि अंधेरोँ की सत्ता कायम आज भी सुनो ! तुम्हारे आस्था के ...

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लेखक के बारे में

सम्पादक गाथांतर हिन्दी त्रैमासिक आजमगढ उत्तर प्रदेश

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Rashi Singh
    23 అక్టోబరు 2015
    आपके द्वारा प्रस्तुत विषयो की गहराई सच में बहुत ही सुन्दर और प्रशंषनीय है।आपकी कविता "मुझसे मत पूछना पता"  ,आपकी द्वारा की गयी बहुत ही सुन्दर रचना है।
  • author
    Shashank Dwivedi
    23 అక్టోబరు 2015
    आपने जिस प्रकार "अँधेरा" शब्द को प्रस्तुत किया है,यह सच मे प्रशंषनीय है।आपने एक महत्वपूर्ण सामाजिक विषय को अत्यन्त गहराई से प्रस्तुत किआ है।यह सच में बहुत अच्छा है।
  • author
    Raju Bhai
    23 అక్టోబరు 2015
    This is really vary nice.....
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    Rashi Singh
    23 అక్టోబరు 2015
    आपके द्वारा प्रस्तुत विषयो की गहराई सच में बहुत ही सुन्दर और प्रशंषनीय है।आपकी कविता "मुझसे मत पूछना पता"  ,आपकी द्वारा की गयी बहुत ही सुन्दर रचना है।
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    Shashank Dwivedi
    23 అక్టోబరు 2015
    आपने जिस प्रकार "अँधेरा" शब्द को प्रस्तुत किया है,यह सच मे प्रशंषनीय है।आपने एक महत्वपूर्ण सामाजिक विषय को अत्यन्त गहराई से प्रस्तुत किआ है।यह सच में बहुत अच्छा है।
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    Raju Bhai
    23 అక్టోబరు 2015
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