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मुझे शर्म आती है

4.2
140333

"अच्छा बताओ कभी सेक्स किया है? फोरप्ले पता है कैसे होता है?....आई थिंक आई नीड टू टीच यू दिस.” फिर हाथ पकड़ कर मेनका ने माधव को नीचे सीढ़ी पर बैठाया. फिर चला काम शास्त्र के ज्ञान का ऐसा दौर की माधव ...

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कहानी Café

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समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

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  • author
    Rahul Jain
    23 జనవరి 2018
    कहानी शूरु से लेकर बांधने वाली है वैसे 3.5 स्टार का ऑप्शन नहीं है तो 4 स्टार दे रहा हूँ क्योंकि 3 देना शायद लेखक की अपार सोच के भंडार को प्राश्चित करने जैसा होगा। खैर मुद्दे पर आता हूँ । ज स्टार मेने काट लिए उसका कारण यह है कि इस पुरुष प्रधान देश आपकी कहानी स्त्री के उस रूप को ज्यादा व्यक्त कर रही है कि वो अपने शारीरक सुख के लिए किसी से धोखा भी कर सकती व उससे बेच भी सकती है हालाकि मेने यंहा महसूस किया की वो स्त्री एक स्पष्टवादी स्त्री है जिसने अपने सुख तो देखा परंतु पुरुष के उस रूप को भी दिखलाया कैसे वो चंद पैसो में अपने सुख को खरीदने की चाहत रखता है। साथ ही इस कहानी के नायक के कारण पुरुष दोगला पन भी दो बार देखने को मिला, पहला पुरुष को प्यार के नाम पर एक स्त्री तो चाहिए पर वो यह अक्स्पेट नहीं कर सका कि वो किसी और कि भी है तथा दूसरा मैल तो उस पुरुष के मन भी पनपा था परंतु क्योंकि उसे उसकी एवज़ में कुछ चुकाना सही नहीं लगा। अतः मुझे लगा कि पुरुष के कुरूप चेहरे को कंही न कंही दबाने की कोशिश की है तथा स्त्री को कुछ विलेन के रूप में प्रस्तुत किया है। में ऐसा बिल्कुल नहीं मानता कि इस तरह के स्त्री समाज के लिए एक उदारहण है परंतु इस कहानी में दर्शाई मर्द की सोच भी उचित नहीं है।
  • author
    09 జూన్ 2020
    बहुत सही तरीके से दोनों चरित्रों को दर्शाया आपने 👌👌 इस कहानी में सबने लड़की के चरित्र को , उसके आचरण की स्वछंदता को देखा लेकिन पुरुष किरदार को ठीक से नहीं समझा जो समाज केउस पुरुष वर्ग को दर्शाती है जिसमें वो जवानी के उस मोड़ पर शारीरिक इच्छाओं कि तृप्ति तो चाहता है लेकिन लड़की उससे कमतर हो जो बाद में चुपचाप उसकी इच्छाओं को पूरा करें और कोई प्रतिकार ना करें l लेकिन कहानी में जब माधव ने देखा मेनका उससे ज्यादा उन्मुक्त आचरण वाली हैं l तो वो पीछे हट गया l क्योंकि ये मानसिकता कि दबाव में हमेशा लड़की रहे यहाँ लड़की हावी हो रही हैं तो डर गया पुरुष को उसकी अनैतिक वासनाओं कि तृप्ति पर्दे के पीछे चाहिए जो उसको भविष्य में परेशान ना करें l और उसमें वो क्लीन चिट रहे l अंत में यही ये पुरुष समाज अनैतिक रिश्ते चाहता तो है लेकिन उसकी कर्मकुंडली बिल्कुल साफ हो l यहाँ पासा उल्टा पड़ गया तो माधव भाग खड़ा हुआ 👌👌👌
  • author
    pooja♥️♥️👩‍⚕️ Gill
    20 జులై 2019
    excuse me. aap kisi ldki ke bare me itna glt kaise bol skte or wo bhi itne glt words ka use krke, i agree ki menka shi ldki nhi hai pr un ldko ka kya jo menka ko pay krte hain?? or madhav ne bhi to uske sath play krne ka socha to tha na... koi bhi shi nhi tha story me
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    Rahul Jain
    23 జనవరి 2018
    कहानी शूरु से लेकर बांधने वाली है वैसे 3.5 स्टार का ऑप्शन नहीं है तो 4 स्टार दे रहा हूँ क्योंकि 3 देना शायद लेखक की अपार सोच के भंडार को प्राश्चित करने जैसा होगा। खैर मुद्दे पर आता हूँ । ज स्टार मेने काट लिए उसका कारण यह है कि इस पुरुष प्रधान देश आपकी कहानी स्त्री के उस रूप को ज्यादा व्यक्त कर रही है कि वो अपने शारीरक सुख के लिए किसी से धोखा भी कर सकती व उससे बेच भी सकती है हालाकि मेने यंहा महसूस किया की वो स्त्री एक स्पष्टवादी स्त्री है जिसने अपने सुख तो देखा परंतु पुरुष के उस रूप को भी दिखलाया कैसे वो चंद पैसो में अपने सुख को खरीदने की चाहत रखता है। साथ ही इस कहानी के नायक के कारण पुरुष दोगला पन भी दो बार देखने को मिला, पहला पुरुष को प्यार के नाम पर एक स्त्री तो चाहिए पर वो यह अक्स्पेट नहीं कर सका कि वो किसी और कि भी है तथा दूसरा मैल तो उस पुरुष के मन भी पनपा था परंतु क्योंकि उसे उसकी एवज़ में कुछ चुकाना सही नहीं लगा। अतः मुझे लगा कि पुरुष के कुरूप चेहरे को कंही न कंही दबाने की कोशिश की है तथा स्त्री को कुछ विलेन के रूप में प्रस्तुत किया है। में ऐसा बिल्कुल नहीं मानता कि इस तरह के स्त्री समाज के लिए एक उदारहण है परंतु इस कहानी में दर्शाई मर्द की सोच भी उचित नहीं है।
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    09 జూన్ 2020
    बहुत सही तरीके से दोनों चरित्रों को दर्शाया आपने 👌👌 इस कहानी में सबने लड़की के चरित्र को , उसके आचरण की स्वछंदता को देखा लेकिन पुरुष किरदार को ठीक से नहीं समझा जो समाज केउस पुरुष वर्ग को दर्शाती है जिसमें वो जवानी के उस मोड़ पर शारीरिक इच्छाओं कि तृप्ति तो चाहता है लेकिन लड़की उससे कमतर हो जो बाद में चुपचाप उसकी इच्छाओं को पूरा करें और कोई प्रतिकार ना करें l लेकिन कहानी में जब माधव ने देखा मेनका उससे ज्यादा उन्मुक्त आचरण वाली हैं l तो वो पीछे हट गया l क्योंकि ये मानसिकता कि दबाव में हमेशा लड़की रहे यहाँ लड़की हावी हो रही हैं तो डर गया पुरुष को उसकी अनैतिक वासनाओं कि तृप्ति पर्दे के पीछे चाहिए जो उसको भविष्य में परेशान ना करें l और उसमें वो क्लीन चिट रहे l अंत में यही ये पुरुष समाज अनैतिक रिश्ते चाहता तो है लेकिन उसकी कर्मकुंडली बिल्कुल साफ हो l यहाँ पासा उल्टा पड़ गया तो माधव भाग खड़ा हुआ 👌👌👌
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    pooja♥️♥️👩‍⚕️ Gill
    20 జులై 2019
    excuse me. aap kisi ldki ke bare me itna glt kaise bol skte or wo bhi itne glt words ka use krke, i agree ki menka shi ldki nhi hai pr un ldko ka kya jo menka ko pay krte hain?? or madhav ne bhi to uske sath play krne ka socha to tha na... koi bhi shi nhi tha story me