pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मुआवजा

3.6
87590

"फ़साद में आदमी मरे तो सरकार आजकल मुआवजे में बहुत पैसे देती है” रात में इफ़्तेखार के बड़े बेटे ने खाने के वक्त रोटी का टुकड़ा तोड़ते हुए अपने छोटे भाई से कहा । “हाँ भाईजान देती तो है, इतना तो आदमी ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में
author
नीरज नीर

मैं एक कवि एवं कहानीकार हूँ . मुझे अच्छा पढ़ना भी खूब भाता है . प्रकाशित काव्य संकलन : "जंगल में पागल हाथी और ढोल" , "पीठ पर रोशनी" कहानी संकलन : "ढुकनी एवं अन्य कहानियाँ" . सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सैकड़ों कवितायें एवं दर्जनों कहानियाँ प्रकाशित। सृजनलोक कविता सम्मान, प्रथम महेंद्र प्रताप स्वर्ण साहित्य सम्मान, ब्रजेन्द्र मोहन स्मृति साहित्य सम्मान, सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न आदि से सम्मानित ।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शिवम् तिवाड़ी
    26 दिसम्बर 2019
    चंद पैसों के लिए कोई कुछ भी कर सकता है , फिर यहां तो खूब सारे पैसे थे, वो भी मुफ्त के। ऐसे में बली का बकरा किसे भी बनाया जा सकता है, खुद का जन्मदाता ही क्यों ना हो !!! निज स्वार्थ के लिए कोई कितना गिर सकता है, लालच के मारे कितना अंधा हो चुका इंसान। आपने बहुत खुबसूरत चित्रण किया आज की हकीकत का। विजेता बनने के लिए बहुत बहुत बधाइयां ।।।।।।
  • author
    28 दिसम्बर 2019
    सही व्यंग्य।द्वितीय स्थान प्राप्त करने के लिए बहुत बहुत बधाई,💐💐कृपया हमारी रचनाएं भी पढ़िए।
  • author
    Vijaykant Verma
    26 दिसम्बर 2019
    बधाई द्वितीय पुरस्कार हेतु। बहुत सुंदर लिखा है..
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    शिवम् तिवाड़ी
    26 दिसम्बर 2019
    चंद पैसों के लिए कोई कुछ भी कर सकता है , फिर यहां तो खूब सारे पैसे थे, वो भी मुफ्त के। ऐसे में बली का बकरा किसे भी बनाया जा सकता है, खुद का जन्मदाता ही क्यों ना हो !!! निज स्वार्थ के लिए कोई कितना गिर सकता है, लालच के मारे कितना अंधा हो चुका इंसान। आपने बहुत खुबसूरत चित्रण किया आज की हकीकत का। विजेता बनने के लिए बहुत बहुत बधाइयां ।।।।।।
  • author
    28 दिसम्बर 2019
    सही व्यंग्य।द्वितीय स्थान प्राप्त करने के लिए बहुत बहुत बधाई,💐💐कृपया हमारी रचनाएं भी पढ़िए।
  • author
    Vijaykant Verma
    26 दिसम्बर 2019
    बधाई द्वितीय पुरस्कार हेतु। बहुत सुंदर लिखा है..