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मोटरसाइकिल पर सात आइटम

4.4
4373

मैं दोनों अटैचियां हाथ में और बैग पीठ पर लिए बच्चे के साथ बस से उतर गई । अब उम्मीद थी कि शायद मैं ट्रेन के छूटने से पहले पहुंच जाऊं ! बाइक वाले लड़के ने जैसे ही मेरे तीन सामान और चौथा बच्चा देखा ...

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लेखक के बारे में
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इरा टाक

इरा टाक का परिचय- इरा टाक लेखक, चित्रकार और फिल्मकार हैं। बीकानेर में जन्मी इरा टाक बीएससी, एमए (इतिहास ), और मास कम्युनिकेशन में स्नातकोतर डिप्लोमा हासिल किये हुए हैं। जयपुर की इरा, वर्तमान में मुंबई रह कर अपनी रचनात्मक यात्रा में लगी हैं। वे भारत में हिंदी ऑडियो स्टोरी की दुनिया में लेखक के रूप में जाना पहचाना नाम है। अभी हाल ही में पेंगुइन रैंडम हाउस- हिंद पॉकेट बुक्स से उनका नॉवेल लव ड्रग रिलीज हुआ है. उनकी लेखकीय यात्रा में पड़ाव हैं: तीन काव्य संग्रह - अनछुआ ख़्वाब, मेरे प्रिय, कैनवस पर धूप , कहानी संग्रह - रात पहेली, चाँद पास है, नॉवेल - लव ड्रग (Penguin Random house- Hind pocket books), रिस्क @ इश्क़, मूर्ति , ऑडियो नावेल (Storytel)- गुस्ताख इश्क, प्यार के इस खेल में, ऑडियो बुक्स- मेरे हमनफ़स, ये मुलाक़ात एक बहाना है, किलर ऑन हंट, रिज़र्व सीट, पटरी पर इश्क़, रंगरेज़ पिया आदि (Storytel)। लाइफ लेसन बुक्स- लाइफ सूत्र और RxLove366. फिल्ममेकर के रूप में चार शॉर्ट फिक्शन फिल्म्स - फ्लर्टिंग मैनिया, डब्लू टर्न, इवन दा चाइल्ड नोज और रेनबो उनके खाते में दर्ज़ हैं। इस समय वो बॉलीवुड में पटकथा (script writing) लेखन कर रहीं हैं। चित्रकार के रूप में वे दस एकल प्रदर्शनियां कर चुकी हैं।

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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pratee
    10 জুলাই 2017
    कैनवास पर बिखरे यादो के रंग इतनी खूबसूरत कहानी मैने कभी नही पढी थी | बहुत ही खूबसूरती से दर्शाया गया है | इमोशन्स तो कूट कूट कर भरा है| ये एक ऐसी कहानी है जिसको पढते समय एक एक पात्र को मै महसूस कर रही थी पूरी फ़िल्म चल रही थी दिमाग मे| और सच कहू तो इसको पढने के दौरान मै कितनी बार रो चुकी हू बता नही सकती| जितनी तारीफ़ करू कम है| सच मे मै आपकी बहुत बडी fan हो गई हू|
  • author
    alok kumar
    22 এপ্রিল 2020
    मोटरसाइकिल पर सात आइटम ः बिल्कुल आम लोगों के साथ घटने वाली घटना को शब्दों की माला में बहुत अच्छे से पिरोया है आपने। रिशतेदारों को ट्रेन में छोड़ने के क्रम में ऐसी सि्थतियों को नजदीक से देखा.है। लेकिन आपसे बहादुर आपके बेटे का चरित्र है जो स्टेशन की भागमभाग या भीड़ में घबराया नहीं, वर्ना ट्रेन छुट सकती थी।
  • author
    સહૃદયી મોદી "Shally"
    27 জুন 2017
    bahut badhiya...padhne ka maja aa gaya :D
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    Pratee
    10 জুলাই 2017
    कैनवास पर बिखरे यादो के रंग इतनी खूबसूरत कहानी मैने कभी नही पढी थी | बहुत ही खूबसूरती से दर्शाया गया है | इमोशन्स तो कूट कूट कर भरा है| ये एक ऐसी कहानी है जिसको पढते समय एक एक पात्र को मै महसूस कर रही थी पूरी फ़िल्म चल रही थी दिमाग मे| और सच कहू तो इसको पढने के दौरान मै कितनी बार रो चुकी हू बता नही सकती| जितनी तारीफ़ करू कम है| सच मे मै आपकी बहुत बडी fan हो गई हू|
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    alok kumar
    22 এপ্রিল 2020
    मोटरसाइकिल पर सात आइटम ः बिल्कुल आम लोगों के साथ घटने वाली घटना को शब्दों की माला में बहुत अच्छे से पिरोया है आपने। रिशतेदारों को ट्रेन में छोड़ने के क्रम में ऐसी सि्थतियों को नजदीक से देखा.है। लेकिन आपसे बहादुर आपके बेटे का चरित्र है जो स्टेशन की भागमभाग या भीड़ में घबराया नहीं, वर्ना ट्रेन छुट सकती थी।
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    સહૃદયી મોદી "Shally"
    27 জুন 2017
    bahut badhiya...padhne ka maja aa gaya :D