एम . ए . ,पी . एच्. डी .; डी लिट् , सेवा निवृत बैंक प्रबंधक ,साहित्य लेखन में रूचि . कुछ पुस्तकें प्रकाशित . गोदान के बाद(1994 1995,2019 ( 1936 से 1948 तक) स्व. मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास गोदान का विस्तार " गोदान के बाद " तथा उनके अपूर्ण "मंगलसूत्र " को पूरा करके " "मंगल सूत्र का वरदान " शीर्षक से प्रकाशित किया हैं, देश के विभिन्न पत्रों / पत्रिकाओं मैं कहानी ,लघुकथा ,कविता,नाटक आदि का प्रकाशन तथा ,आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रशारण .
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