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मोक्ष धाम की यात्रा

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श्मशान पर दारू/शराब की दुकान होने की सूचना पढ़कर मन में उपजे भाव, एक नज़्म की शक्ल में ।

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लेखक के बारे में
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Vinay Jain 'Anand'

जो नहीं था पास मेरे नाम वो अपना लिया दुख भरे जीवन में यूँ "आनन्द' देखो पा लिया विनय जैन "आनन्द' विनय जैन "आनन्द' विनय जैन S/O राजेन्द्र जी जैन, पालोदा- बांसवाड़ा ( राज. ) माता - शुशीला देवी बहनें - डिंपल, हर्षिता, मेघा 9460245606

समीक्षा
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    03 अप्रैल 2020
    👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 🌻 आपकी रचना अति उत्तम है। 🌻 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏 मनोरंजन से भरपूर, "सच्ची घटनाओं पर आधारित, गरीबों की प्रेम कथा। 6 छठे भाग को अवश्य पढ़िए गा। https://hindi.pratilipi.com/series/pjspx0qyqygj?utm_source=android&utm_campaign=content_series_share
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    03 अप्रैल 2020
    आज तो कमाल ही कर दिया आपने। मोक्ष धाम की यात्रा की क्या गजब कल्पना करते हुए लिखा है। और सच ही लिखा है शराब के ऊपर इससे सुंदर लिखा हुआ मैंने आज तक नहीं पड़ा है। हमेशा की तरह बेहतरीन।
  • author
    Krishna Shukla
    03 अप्रैल 2020
    बाह क्या कल्पना की है मोक्ष धाम की. अद्भुत अकल्पनीय. बहुत बहुत धन्यवाद
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    03 अप्रैल 2020
    👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍 🌻 आपकी रचना अति उत्तम है। 🌻 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏 मनोरंजन से भरपूर, "सच्ची घटनाओं पर आधारित, गरीबों की प्रेम कथा। 6 छठे भाग को अवश्य पढ़िए गा। https://hindi.pratilipi.com/series/pjspx0qyqygj?utm_source=android&utm_campaign=content_series_share
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    03 अप्रैल 2020
    आज तो कमाल ही कर दिया आपने। मोक्ष धाम की यात्रा की क्या गजब कल्पना करते हुए लिखा है। और सच ही लिखा है शराब के ऊपर इससे सुंदर लिखा हुआ मैंने आज तक नहीं पड़ा है। हमेशा की तरह बेहतरीन।
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    Krishna Shukla
    03 अप्रैल 2020
    बाह क्या कल्पना की है मोक्ष धाम की. अद्भुत अकल्पनीय. बहुत बहुत धन्यवाद