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मोहब्बत

4.5
41253

"क्या पहना जाए, हाँ हरी शर्ट पहनता हूँ उसे देखते ही वो आग बबूला हो जाएगी । उसे यकीन हो जाना चाहिए कि मैं उसकी पसंद ना पसंद को एकदम भूल चुका हूँ ।" वैभव अलमारी में लटकी सभी शर्टों को अदल बदल कर ...

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लेखक के बारे में
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धीरज झा

नाम धीरज झा, काम - स्वछंद लेखन (खास कर कहानियां लिखना), खुद की वो बुरी आदत जो सबसे अच्छी लगती है मुझे वो है चोरी करना, लोगों के अहसास को चुरा कर कहानी का रूप दे देना अच्छा लगता है मुझे....किसी का दुःख, किसी की ख़ुशी, अगर मेरी वजह से लोगों तक पहुँच जाये तो बुरा ही क्या है इसमें :) .....इसी आदत ने मुझसे एक कहानी संग्रह लिखवा दिया जिसका नाम है सीट नं 48.... जी ये वही सीट नं 48 कहानी है जिसने मुझे प्रतिलिपि पर पहचान दी... इसके तीन भाग प्रतिलिपि पर हैं और चौथा और अंतिम भाग मेरे द्वारा इसी शीर्षक के साथ लिखी गयी किताब में....आप सब की वजह से हूँ इसीलिए कोशिश करूँगा कि आप सबका साथ हमेशा बना रहे... फेसबुक पर जुड़ें :- https://www.facebook.com/profile.php?id=100030711603945

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Pooja Chopra
    08 मार्च 2018
    kahani me hi puri hoti he mhobbat
  • author
    Möñty Pal
    14 जून 2018
    ittefqq se ye ghatna Mere sath huyibh ye lkin 12 saal nhi hue mere 5 saal k bad mila tha
  • author
    raju
    08 मार्च 2018
    achhi story lagi.... kas ki aisi mohabbat zinda rahe dilo m
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    Pooja Chopra
    08 मार्च 2018
    kahani me hi puri hoti he mhobbat
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    Möñty Pal
    14 जून 2018
    ittefqq se ye ghatna Mere sath huyibh ye lkin 12 saal nhi hue mere 5 saal k bad mila tha
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    raju
    08 मार्च 2018
    achhi story lagi.... kas ki aisi mohabbat zinda rahe dilo m