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मोबाईल

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वाह रे मोबाईल ...     मैं शायद अब बूढ़ा हो गया हूॅ । घर में किसी को मेरी जरूरत ही नही ऐसा लगता है । सावित्री के जाने के बाद,  ना जाने क्यों अब दिन तो काटने को दौड़ता है, वो थी तो दिन भर मेरी ...