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मिट्टी की सुगंध

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नन्ही नन्ही बारिश की बूंदे मोती बनकर, धीरे धीरे गिरने लगी आज धरा में, तपती धरा ने इन बूंदों की धात्री बनकर, इत्रो की सुगंध भी जिसके सम्मुख अधूरी है, मिट्टी की ऐसी सुगंध बिखेरी है। बारिश की बूंदों ...

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लेखक के बारे में
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Manimala Khare

मेरा प्रयास जारी है।🙏🏻🙏🏻

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sangeet M
    17 सितम्बर 2022
    nice narration of natures vivid colors and mother earth's fragrant gift to us humans 👏🏻👏🏻👏🏻
  • author
    Anu Yadav
    14 जून 2022
    नन्ही नन्ही बूंदें मोती बनकर गिरने लगी बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत खूबसूरत लिखा है आपने मैम 👌👌👌👌👌👌👌👌❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
  • author
    Shishir Khardenavis सुपरफैन
    16 जून 2022
    वाह बहुत ही सुंदर प्रस्तुति,भास्कर की गर्मी से लाचार धरती पर पहली बारिश की पड़ती बूंदों से जो सोंधी सी खुशबू मिट्टी की आती है,वास्तव में इत्र भी इसके सामने फीका पड़ जाता है।
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    Sangeet M
    17 सितम्बर 2022
    nice narration of natures vivid colors and mother earth's fragrant gift to us humans 👏🏻👏🏻👏🏻
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    Anu Yadav
    14 जून 2022
    नन्ही नन्ही बूंदें मोती बनकर गिरने लगी बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बहुत खूबसूरत लिखा है आपने मैम 👌👌👌👌👌👌👌👌❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
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    Shishir Khardenavis सुपरफैन
    16 जून 2022
    वाह बहुत ही सुंदर प्रस्तुति,भास्कर की गर्मी से लाचार धरती पर पहली बारिश की पड़ती बूंदों से जो सोंधी सी खुशबू मिट्टी की आती है,वास्तव में इत्र भी इसके सामने फीका पड़ जाता है।