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मिट्टी का पुतला

4.5
11479

भाग :1 “ अरे मेरी मुमताज ! अब तुम बड़ी हो गयी हो गयी हो और अभी भी तुम मिटटी से खेल रही हो ... पागल कहीं की ! “कहते हुए माधव ने मुमताज की चुटिया खीच ली . मुमताज तेजी से पीछे पलटी और गीली मिट्टी से सने ...

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लेखक के बारे में
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मृदुल कपिल

प्रकाशित पुस्तकें : चीनी कितने चम्मच ( कहानी संग्रह ) आँचलिक कहानी संग्रह "कानपुर की घातक कथाएँ 1 " एवं मोहब्बत 24 कैरेट प्रकाशित (कहानी संग्रह ) प्रकाशित . सोशल मिडिया ( फेसबुक , ब्लॉग आदि ) पर निरंतर  लेखन , कुछ समाचारपत्रों और पत्रिकाओ में समय समय पर लेख और कहानियो  का  प्रकाशन .

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    17 फ़रवरी 2016
    दिल छू लेने वाली एक दास्ता..
  • author
    pallavi shukla
    16 फ़रवरी 2016
    बंटते हुए भारत का दर्द दिखा है आपकी कहानी में , इसने सिर्फ दो दिलो का  नही दो देशो का दर्द   बयाँ किया है .
  • author
    anjana priyadarshini
    11 फ़रवरी 2016
    मानवीय एहसासों, संवेदनाओं को बखूबी बयान किया है इस कहानी में ....बेहतरीन कहानी के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ
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    17 फ़रवरी 2016
    दिल छू लेने वाली एक दास्ता..
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    pallavi shukla
    16 फ़रवरी 2016
    बंटते हुए भारत का दर्द दिखा है आपकी कहानी में , इसने सिर्फ दो दिलो का  नही दो देशो का दर्द   बयाँ किया है .
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    anjana priyadarshini
    11 फ़रवरी 2016
    मानवीय एहसासों, संवेदनाओं को बखूबी बयान किया है इस कहानी में ....बेहतरीन कहानी के लिए बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ