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मिटटी के दीये

4.3
683

मिट्टी के दीये है, रौशन कर जहाँ फ़ना हो जायेंगे आप सूरज की तरह चमको हम आसमा हो जायेंगे हमें तो आपकी नाराज़गी से भी मुहब्बत है अजी आपसे रूठकर हम कहाँ जायेंगे मिट्टी के दीये है, रौशन कर जहाँ फ़ना हो ...

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लेखक के बारे में
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अंजय सिंह

मिजाज़ से शायर.....

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    PRAVEEN SHARMA
    24 अक्टूबर 2020
    सोच
  • author
    Neha Jadhav
    05 फ़रवरी 2024
    क्या कहने, बहुत खूब आदरणीय
  • author
    Sumedha Prakash
    09 अक्टूबर 2018
    वाह क्या कहने... खूबसूरत रचना
  • author
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  • author
    PRAVEEN SHARMA
    24 अक्टूबर 2020
    सोच
  • author
    Neha Jadhav
    05 फ़रवरी 2024
    क्या कहने, बहुत खूब आदरणीय
  • author
    Sumedha Prakash
    09 अक्टूबर 2018
    वाह क्या कहने... खूबसूरत रचना