pratilipi-logo प्रतिलिपि
हिन्दी

मिली

4.8
99

मिली    माँ ... माँ.... जोर से आवाज लगाता हुआ मिलिंद अपनी माँ को गोद में उठाकर घुमाने लगा ।आज मैं बहुत खुश हूँ ।अरे पर हुआ क्या???गोद से उतारकर    अपनी माँ के पाँव छूते हुए मिलिंद ने कहा-मुझे ...

अभी पढ़ें
लेखक के बारे में

ज़िन्दगी की भागदौड़ से कुछ पल चुराए हैं, इन्ही पलों को शब्दों में सहेजने की इक छोटी सी शुरुआत।।

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    संध्या बक्शी
    23 मई 2022
    सुंदर संदेशप्रद कहानी ! .. बेटे की चाह में, अनेक बेटियों को जन्म देना और फिर ,अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेना ,गलत है। भैरवी और मिहान का व्यक्तित्व अनुकरणीय है ,जो उन्होंने ना सिर्फ उस बच्ची को संरक्षण दिया ,बल्कि उसे अपनी बच्ची की तरह पाला पोसा। स्वयं के पुत्र हो जाने पर भी दोनों बच्चों को समान प्यार और परवरिश दी। अंत में उन्हें अपनी अच्छी करनी का फल मिला । दोनों ही संतान लायक निकली ! बहुत ही सुखद और श्रेष्ठ समापन ! सहज सरल शब्दावली 👌👌👌शुभकामनाएं दीदी 💕
  • author
    Mamta Jha "आपकी मनु"
    20 मई 2022
    बहुत ही प्यारी सी कहानी। देखा जाए तो कर भला तो हो भला वाली कहावत चरितार्थ करती हैं, नन्ही बच्ची को जहां जीवनदान मिला वहीं उसके पावन कदमों से पूरे परिवार में खुशियाँ आ गयी। बधाई हो नेहा जी इतनी ख़ुबसूरत कहानी के लिए।👏👏👏🌷🌷🌷🌷❣️❣️❣️
  • author
    Rajni Katare
    22 मई 2022
    नेहा- वास्तव में बहुत बढ़िया और प्रेरक कहानी लिखी आपने, बेटी अपना भाग्य पहले से लेकर आती है, उसके आने से किस्मत ही चमक उठी, बेटी का भाग्य -खुशहाल परिवार , स्टीकर तो बनता है 💐👌👌👌💐
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    संध्या बक्शी
    23 मई 2022
    सुंदर संदेशप्रद कहानी ! .. बेटे की चाह में, अनेक बेटियों को जन्म देना और फिर ,अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेना ,गलत है। भैरवी और मिहान का व्यक्तित्व अनुकरणीय है ,जो उन्होंने ना सिर्फ उस बच्ची को संरक्षण दिया ,बल्कि उसे अपनी बच्ची की तरह पाला पोसा। स्वयं के पुत्र हो जाने पर भी दोनों बच्चों को समान प्यार और परवरिश दी। अंत में उन्हें अपनी अच्छी करनी का फल मिला । दोनों ही संतान लायक निकली ! बहुत ही सुखद और श्रेष्ठ समापन ! सहज सरल शब्दावली 👌👌👌शुभकामनाएं दीदी 💕
  • author
    Mamta Jha "आपकी मनु"
    20 मई 2022
    बहुत ही प्यारी सी कहानी। देखा जाए तो कर भला तो हो भला वाली कहावत चरितार्थ करती हैं, नन्ही बच्ची को जहां जीवनदान मिला वहीं उसके पावन कदमों से पूरे परिवार में खुशियाँ आ गयी। बधाई हो नेहा जी इतनी ख़ुबसूरत कहानी के लिए।👏👏👏🌷🌷🌷🌷❣️❣️❣️
  • author
    Rajni Katare
    22 मई 2022
    नेहा- वास्तव में बहुत बढ़िया और प्रेरक कहानी लिखी आपने, बेटी अपना भाग्य पहले से लेकर आती है, उसके आने से किस्मत ही चमक उठी, बेटी का भाग्य -खुशहाल परिवार , स्टीकर तो बनता है 💐👌👌👌💐