बचपन में शैतानी देखकर खाली दिमाग शैतान का घर कह मां ने मेरे नन्हे हाथों में एक नन्हीं सी लिखने की कलम पकड़ा दी लिखने के लिए !!, अब देखते हैं!! खाली दिमाग कैसे रहता है ?? और मेरी दिल से ...
व्वाह बहुत खूब
बेहद उम्दा एवं प्रेरक लिखा है आपने सखी |
अगर कलम का साथ हो हरदम तो अकेलापन उड़न छूं.... सही फर्माया आपने |
अच्छे साहित्य निर्माण के लिये अकेलापन भी उतना ही जरुरी होता है जितना की एकांत |
बहुत ही प्रभावशाली अंदाज में कलम की अहमियत को परिभाषित किया है आपने |
बस आप यूं ही प्रतिभासंपन्न साहित्य लिखती रहें और हमें आपको पढ़ने का सुअवसर प्रदान करती रहे....यही दुआ है हमारी |
कव्हर पेज का फोटो बहूत ही सुंदर 😘
आपकी रचना में हमारा भी जिक्र किया है आपने....तहे दिल से शुक्रिया आपका सखी |
शुभकामनाएं
सुप्रभातम् |
रिपोर्ट की समस्या
सुपरफैन
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