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मेरी प्रिय सहेली, मेरी डायरी (3)

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बहुत देर से सोच रही थी कि तुम्हारे पास आऊँ और थोड़ा अपने मन की बात लिखूँ। तुम्हीं तो हो जो बिना जबाब दिए मेरी बातों को सुनती हो। माँ, पापा की बहुत याद आती है डायरी। बहुत और बहुत ही याद आती है। ...

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लेखक के बारे में
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Rina Jha

मुझे कविता और कहानी लिखने का शौक बचपन से ही है। मैं अपनी कुछ अलग पहचान बनाना चाहती हूँ। ताकि मेरे इस दुनिया से जाने के बाद भी मेरे अपने मुझे भूले नहीं याद रखें। 🌹🌹🌹🌹

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    कल्याणी दास
    07 जनवरी 2021
    मायके का जीवन बहुत ही सुहावना होता है और माता-पिता की तो हर बात ही निराली ।बहुत ही सुंदर यादों को सहेजा है आपने डायरी में।😊👌👌🌷
  • author
    06 जनवरी 2021
    बहुत सुन्दर मन की बातें... बेटियां माँ के घर मे राजकुमारी ही होती है 💐💐
  • author
    08 जनवरी 2021
    बहुत सुंदर मर्मस्पर्श डायरी
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    कल्याणी दास
    07 जनवरी 2021
    मायके का जीवन बहुत ही सुहावना होता है और माता-पिता की तो हर बात ही निराली ।बहुत ही सुंदर यादों को सहेजा है आपने डायरी में।😊👌👌🌷
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    06 जनवरी 2021
    बहुत सुन्दर मन की बातें... बेटियां माँ के घर मे राजकुमारी ही होती है 💐💐
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    08 जनवरी 2021
    बहुत सुंदर मर्मस्पर्श डायरी