बहुत देर से सोच रही थी कि तुम्हारे पास आऊँ और थोड़ा अपने मन की बात लिखूँ। तुम्हीं तो हो जो बिना जबाब दिए मेरी बातों को सुनती हो। माँ, पापा की बहुत याद आती है डायरी। बहुत और बहुत ही याद आती है। ...
मुझे कविता और कहानी लिखने का शौक बचपन से ही है।
मैं अपनी कुछ अलग पहचान बनाना चाहती हूँ।
ताकि मेरे इस दुनिया से जाने के बाद भी मेरे अपने मुझे भूले नहीं
याद रखें। 🌹🌹🌹🌹
सारांश
मुझे कविता और कहानी लिखने का शौक बचपन से ही है।
मैं अपनी कुछ अलग पहचान बनाना चाहती हूँ।
ताकि मेरे इस दुनिया से जाने के बाद भी मेरे अपने मुझे भूले नहीं
याद रखें। 🌹🌹🌹🌹
रिपोर्ट की समस्या
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