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मेरी कोई जायदाद नही

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तन्हा बैठा था एक दिन मैं अपने मकान में, चिड़िया बना रही थी घोंसला रोशनदान में। पल भर में आती पल भर में जाती थी वो। छोटे छोटे तिनके चोंच में भर लाती थी वो। बना रही थी वो अपना घर एक न्यारा, कोई तिनका ...

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लेखक के बारे में
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रतन सिंह

मैने प्यार किया है दुनिया से.......... दुनिया वालो से...... मगर क्या बन कर........?

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    usha gaur
    28 सितम्बर 2022
    बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति और अति उत्तम सृजन किया आपने 👌🌷🌷🌷👌👍👍👍
  • author
    Richa Singh
    29 सितम्बर 2022
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने👌👌👌👌👌
  • author
    Bela Goenka
    28 सितम्बर 2022
    बहुत बढिया चित्रण
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    usha gaur
    28 सितम्बर 2022
    बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति और अति उत्तम सृजन किया आपने 👌🌷🌷🌷👌👍👍👍
  • author
    Richa Singh
    29 सितम्बर 2022
    बहुत बढ़िया लिखा है आपने👌👌👌👌👌
  • author
    Bela Goenka
    28 सितम्बर 2022
    बहुत बढिया चित्रण