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मेरी कविता, आए न सजना मेरे💞

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आईना साजन मेरी बरसे है नैना आग लगाई बिरहा की रहना ले जा संदेशा मेरा मेरे सजन तक तड़पू उसके बिन चंदा रे चंदा मेरे सजना से कहना आज सजन हुई मैं बावरिया ना मांगू तुझसे कोई हीरा ना कहना पल-पल बरसे ...

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लेखक के बारे में
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Sarika sharma

परास्नातक -हिंदी एवं संस्कृत बी.एड. आसान नहीं यों तो जज्बातों को शब्दों की जुबां देना पर दिल मे हो एहसास तो है मुश्किल भी नहीं🌹🌷🙏🙏🇮🇳

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    14 जनवरी 2021
    जिससे बंधी है जीवन की डोर वो बैठा परदेश में ना जाने किस ओर तुम बिन ना कटती बैरन ये रैना राह तकती बरसती मेरी ये चुप चुप सी नैना।
  • author
    Kapil Nagrale
    14 जनवरी 2021
    सुन रहे हो ना अंजू के सजना, बेचारी दुःखी है बिन सजना विरहा के भट्टी में जल रही है, आंखे अपनी मल रही है काम से जरा छुट्टी करना, बेचारी के आंसू पोछना काम से जरा छुट्टी करना, बेचारी के आंसू पोछना
  • author
    Archana dipak Kumar
    14 जनवरी 2021
    दिल से निकली रचना, दोनों ही विरह की आग जलते हैं।
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    14 जनवरी 2021
    जिससे बंधी है जीवन की डोर वो बैठा परदेश में ना जाने किस ओर तुम बिन ना कटती बैरन ये रैना राह तकती बरसती मेरी ये चुप चुप सी नैना।
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    Kapil Nagrale
    14 जनवरी 2021
    सुन रहे हो ना अंजू के सजना, बेचारी दुःखी है बिन सजना विरहा के भट्टी में जल रही है, आंखे अपनी मल रही है काम से जरा छुट्टी करना, बेचारी के आंसू पोछना काम से जरा छुट्टी करना, बेचारी के आंसू पोछना
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    Archana dipak Kumar
    14 जनवरी 2021
    दिल से निकली रचना, दोनों ही विरह की आग जलते हैं।