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मेरी अक्षया

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काली चमकीली आँखें गुलाबी अधर मुस्कुराते मेहरून बाल श्वेत गाल मीठी मधुर आवाज़ से जब वो पुकारती मुझे उसके मीष्ठान स्वर मेरे कानो को बहुत भाते उसकी गलती चुपचाप सुनती कभी क्रोध न आता हे वो ...

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लेखक के बारे में
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Dhani Vyas

Mera bacpan s hi books Riding ka shok th. Jo pura n ho saka. laken woh shok Ab m pura kar Rahi hu..... Thank you🙏🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sneha
    06 जून 2020
    मां की नजरों से बेटी की सुंदरता का कोई मोल नहीं लगा सकता , बेटियां होती ही इतनी प्यारी है । बहुत ही खूबसूरती से अपने मन के भाव को लिखा है बहन , गुड़िया रानी ऐसे ही मुस्कुराती रहे , ईश्वर उसके होंठों पर यूं ही मुस्कान बनाए रखें।
  • author
    Dr. Shubhra Varshney
    06 जून 2020
    बिटिया रानी को दर्शाती सुन्दर रचना, मेरा बहुत सारा आशीर्वाद और स्नेह 🙏
  • author
    kumar gupta
    06 जून 2020
    बहुत खूबसूरत रचना ...आज एक रचना पोस्ट कर रहे ...बेटीयाँ
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    Sneha
    06 जून 2020
    मां की नजरों से बेटी की सुंदरता का कोई मोल नहीं लगा सकता , बेटियां होती ही इतनी प्यारी है । बहुत ही खूबसूरती से अपने मन के भाव को लिखा है बहन , गुड़िया रानी ऐसे ही मुस्कुराती रहे , ईश्वर उसके होंठों पर यूं ही मुस्कान बनाए रखें।
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    Dr. Shubhra Varshney
    06 जून 2020
    बिटिया रानी को दर्शाती सुन्दर रचना, मेरा बहुत सारा आशीर्वाद और स्नेह 🙏
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    kumar gupta
    06 जून 2020
    बहुत खूबसूरत रचना ...आज एक रचना पोस्ट कर रहे ...बेटीयाँ