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''मेरे पापा - बचपन की नांव"

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"मेरे पापा - बचपन की नांव" 30 साल के अभिमन्यु को उस वक्त गुस्सा आ गया जब उसके पापा ने अपना नजर वाला चश्मा तीसरी बार तोड़ दिया था। वह टूटा हुआ चश्मा लेकर अपने पापा के कमरे में आया और गुस्से से ...

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लेखक के बारे में

मैं कोई Writer नही बल्कि एक चोर हूं , जो लोगो का समय चुराती है !! प्रतिलिपी पाठक × साक़ी के सारथी ✓

समीक्षा
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    15 जुलाई 2020
    मैम आपने इमोशनल कर दिया..नम हुई आँखे भी तो खुशी के कारण हुई...एक बात और हैं मैम पापा बेटियों से अपना प्यार जता भी लेते हैं लेकिन बेटों से उतना नहीं... पर पिता की नजर में सब बच्चे बराबर होते हैं...और सबकी इच्छा पूरी करने की कोशिश करते हैं जहांतक उनसे हो सकता हैं...अभि ने अपने पिता कमल के मनोभावों को समझ लिया...यहीं बड़ी बात हैं...अब जीविका भी अभिमन्यु के कदम से सहमत हो जायें तो और अच्छा होगा😊 very heart touching story & superb start👌👌👌👌
  • author
    03 फ़रवरी 2021
    इस तरह की कहानियों की तारीफ हम सब करते हैं । 5 star देकर एक अच्छी समीक्षा भी लिखते हैं ।लेकिन अगर अगले ही पल हम सब को मौका मिल जाए तो अपने माता पिता को बुरा भला कहने से पीछे नहीं हटते । सभी लोग इस तरह की कहानियों की तारीफ करतें है और समीक्षा में मां बाप को भगवान कहते हैं । लेकिन फिर भी ऐसी कहानियां समाज में हर जगह हकीकत के रूप में देखने को मिल जाती हैं । अगर सब लोगों के लिए मां बाप भगवान है तो ऐसी कहानियां लिखने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती लेखकों को । समीक्षा में बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोग काश अपनी समीक्षाओं के जैसे ही असल जिंदगी में रहें तो ये धरातल स्वर्ग बन जाएगा । कुछ ग़लत कहा हो तो क्षमाप्रार्थी हूं 🙏
  • author
    सेंटी गर्ल ,,,👻
    02 फ़रवरी 2021
    इसमें आपने सब को रुला ही दिया होगा ये पक्का है पर मेरे रोने की वजह कुछ ओर है ,,,, में आज तक मेरे पापा को समझ नहीं पाई हूं ,, लव मैरेज है मेरी ओर पिछले 11 सालो से पापा से बात नहीं हुई है मेरी ,,, ओर आज तक मुझे यही लगता है कि उनके पास मेरे लिए कभी वक़्त था ही नहीं ओर वो मुझे प्यार नहीं करते ,,,, पर शायद आज लगा की वो प्यार जता नहीं पाए ओर में उनसे दूर हो गई ,,,,😓🥺😒😢
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    15 जुलाई 2020
    मैम आपने इमोशनल कर दिया..नम हुई आँखे भी तो खुशी के कारण हुई...एक बात और हैं मैम पापा बेटियों से अपना प्यार जता भी लेते हैं लेकिन बेटों से उतना नहीं... पर पिता की नजर में सब बच्चे बराबर होते हैं...और सबकी इच्छा पूरी करने की कोशिश करते हैं जहांतक उनसे हो सकता हैं...अभि ने अपने पिता कमल के मनोभावों को समझ लिया...यहीं बड़ी बात हैं...अब जीविका भी अभिमन्यु के कदम से सहमत हो जायें तो और अच्छा होगा😊 very heart touching story & superb start👌👌👌👌
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    03 फ़रवरी 2021
    इस तरह की कहानियों की तारीफ हम सब करते हैं । 5 star देकर एक अच्छी समीक्षा भी लिखते हैं ।लेकिन अगर अगले ही पल हम सब को मौका मिल जाए तो अपने माता पिता को बुरा भला कहने से पीछे नहीं हटते । सभी लोग इस तरह की कहानियों की तारीफ करतें है और समीक्षा में मां बाप को भगवान कहते हैं । लेकिन फिर भी ऐसी कहानियां समाज में हर जगह हकीकत के रूप में देखने को मिल जाती हैं । अगर सब लोगों के लिए मां बाप भगवान है तो ऐसी कहानियां लिखने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती लेखकों को । समीक्षा में बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोग काश अपनी समीक्षाओं के जैसे ही असल जिंदगी में रहें तो ये धरातल स्वर्ग बन जाएगा । कुछ ग़लत कहा हो तो क्षमाप्रार्थी हूं 🙏
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    सेंटी गर्ल ,,,👻
    02 फ़रवरी 2021
    इसमें आपने सब को रुला ही दिया होगा ये पक्का है पर मेरे रोने की वजह कुछ ओर है ,,,, में आज तक मेरे पापा को समझ नहीं पाई हूं ,, लव मैरेज है मेरी ओर पिछले 11 सालो से पापा से बात नहीं हुई है मेरी ,,, ओर आज तक मुझे यही लगता है कि उनके पास मेरे लिए कभी वक़्त था ही नहीं ओर वो मुझे प्यार नहीं करते ,,,, पर शायद आज लगा की वो प्यार जता नहीं पाए ओर में उनसे दूर हो गई ,,,,😓🥺😒😢