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मेरे दो बैल

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बचपन की सबसे अच्छी बात ये है की फिक्र क्या है ये हम नहि जानते थे और गर्मी की छुट्टियों में मामा के गाँव जाना और अपने ममेरे भाई बहनों के साथ खूब मस्ती करना मुझे बहुत भाता था . लेकिन सिर्फ एक ही ...

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लेखक के बारे में

भूल न जाऊं इसलिए लिखता हूँ लिखकर फिर भूल जाता हूँ. अक्सर बोलने से पहले कुछ सोचता नही था इसलिए मेरा हर तीसरा वक्तव्य किसी न किसी प्राणी को ज़ख़्मी कर देता था इस त्रुटी सुधार हेतु मै लिखने लगा मगर कमबख्त दिमाग यहां भी साथ नही देता, बचपन से निश्छल निष्कपट निष्कलंक बनने का प्रयास जारी है. हो सकता है किसी को तुरंत मुंहतोड़ जवाब देने से आप जीत जाएँ या जान बचाने के लिए भागना पड़े. सफाई देना या किसी को जवाब देने से अच्छा है की वहां से चुपचाप निकल लो और बाद में उस परिस्थिति का चित्रण कर के भड़ास निकाल लो. जब आपकी जुबान ही आपकी दुश्मन बन जाए तो वैराग्य वाली फीलिंग आत्मसात कर के लेखक बन जाना चाहिए. हम लिखते हैं फिल्माने के लिए, आर्ट डायरेक्टर, स्क्रिप्ट और डायलॉग राइटर, प्रोड्यूसर, ऐक्टर्स, क्रू मेंबर्स, प्रोडक्शन हाउस, बैनर मेरे करियर के उत्तम आभूषण हैं. साहित्य नही हम सिचुएशन को कलम के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं दुनिया का सबसे बेहतरीन कार्य फ़िल्म निर्माण है क्योंकि हर रोज़ एक नया टास्क एक नया सेट एक नया लोकेशन एक नया चैलेंज एक नया काम हर रोज़ एक फ़िल्म निर्माता खुद के लिए क्रिएट करता है. यही परम सुंदर दिव्य रोज़गार है बाकी सब मोहमाया है । अस्तु ।।

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    03 डिसेंबर 2017
    hame bhi apne gav k beylo ki yaad aa gyi
  • author
    Zaid Akhtar Khan
    03 डिसेंबर 2017
    बहुत ही प्यारा
  • author
    keshav ram
    03 डिसेंबर 2017
    bahut hi sundar chitran
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    03 डिसेंबर 2017
    hame bhi apne gav k beylo ki yaad aa gyi
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    Zaid Akhtar Khan
    03 डिसेंबर 2017
    बहुत ही प्यारा
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    keshav ram
    03 डिसेंबर 2017
    bahut hi sundar chitran