मूलत: दक्षिण भारतीय जयंती रंगनाथन की परवरिश लौह शहर भिलाई नगर में हुई। एमकॉम मुंबई से किया और वहीं से अपने कैरिअर की शुरुआत जानीमानी हिंदी पत्रिका धर्मयुग से की। लगभग दस वर्षों तक इस पत्रिका से जुडऩे के बाद तीन साल तक सोनी एंटरटैनमेंट चैनल में बतौर आयडिएशन मैनेजर काम किया।
19९७ में मलयाला मनोरमा समूह की पहली महिला पत्रिका वनिता का संपादन करने मुंबई से दिल्ली चली आईं। पत्रिका ने सफलता के नए कीर्तिमान बनाए। वहां सात साल रहने के बाद दैनिक अमर उजाला में फीचर संपादक का पदभार संभाला।
तीन उपन्यास आसपास से गुजरते हुए (राजकमल), औरतें रोती नहीं(पेंगुइन/यात्रा) से प्रकाशित और खानाबदोश ख्वाहिशें (सामयिक) से प्रकाशित। गृह मंत्री चिदंबरम के आर्थिक विषयों पर लेखों का संकलन भारतीय अर्थ व्यवस्था पर एक नजर: कुछ हट कर का अनुवाद पेंगुइन से प्रकाशित।
पिछले दस कहानियों का संकलन एक लडक़ी: दस मुखौटे सामयिक प्रकाशन से प्रकाशित
इसके अलावा कई संकलनों और कहानी संग्रहों में आलेख और कहानियां प्रकाशित।
देश के अग्रणी पत्र पत्रिकाओं (धर्मयुग, सारिका, हंस, नया ज्ञानोदय, कथादेश तथा प्रमुख अखबारों में लेख, स्तंभ आदि)में 1000 से अधिक कहानियां और लेख प्रकाशित।
ऑडियो स्टोरी की दुनिया में काफी सक्रिय। शेड्स ऑफ जयंती के नाम से हर हफ्ते एचटीस्मार्टकास्ट में पॉडकास्ट। स्टोरीटेल पर ऑडियों बुक्स बाला और सनी, रेनबो प्लानेट, सतरंगी इश्क
संप्रति: दैनिक हिंदुस्तान में एक्जीक्यूटिव एडिटर एवं बच्चों की पत्रिका नंदन की संपादक
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