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मेरा सच

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क्यों बड़ी बात करना तेरा आज भी गुनाह है तेरा सच कोई सुन्ना चाहता नहीं ।। सर झुकने की तुझको आदत सी लगी है तो तेरा सर कोई ऊंचा कर सकता नहीं | तूने रूढ़ियों में खुद को जकड़ ही लिया है खुद को ढकते ढकते ...

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लेखक के बारे में
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Vineeta Chowdhary

जहां न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे ... कवि

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    Renu Pandey
    03 मई 2020
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