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मेरा सवेरा

4.8
70

जिंदगी को उदासी का रंग छाया था झोंका खुशियों का, न मेरे घर आया था मै थी तो जिंदगी को जी रही पर जिंदगी मुझसे कोसों दूर रही किंतु एक परिवर्तन, मुझसे गले आ मिला एक नया सवेरा, मेरे आँगन मे खिला कितना ...

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लेखक के बारे में

I am a poetess and you are my muse

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अभिलाष दत्ता
    17 अप्रैल 2017
    बढ़िया । अच्छी रचना
  • author
    Nutan Mishra
    09 मई 2017
    Very nice poetry 😊
  • author
    Neelu Mishra
    09 मई 2017
    Nice one
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अभिलाष दत्ता
    17 अप्रैल 2017
    बढ़िया । अच्छी रचना
  • author
    Nutan Mishra
    09 मई 2017
    Very nice poetry 😊
  • author
    Neelu Mishra
    09 मई 2017
    Nice one