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मेरा नया बचपन

4.7
3237

बार-बार आती है मुझको मधुर याद बचपन तेरी। गया ले गया तू जीवन की सबसे मस्त खुशी मेरी॥ चिंता-रहित खेलना-खाना वह फिरना निर्भय स्वच्छंद। कैसे भूला जा सकता है बचपन का अतुलित आनंद? ऊँच-नीच का ज्ञान नहीं था ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम : सुभद्रा कुमारी चौहान जन्म : 16 अगस्त 1904, इलाहाबाद(उत्तर प्रदेश) देहावसान : 15 फरवरी 1948, जबलपुर(मध्य प्रदेश) भाषा : हिन्दी विधाएँ : कविता, कहानी सुभद्रा कुमारी चौहान एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं हिन्दी भाषा की एक सुप्रसिद्ध रचनाकार हैं, इनकी कविता झाँसी की रानी एक कालजयी रचना मानी जाती है। इनके सम्मान में भारत सरकार ने एक डाक टिकट जारी किया हुआ है, और साथ ही साथ भारतीय नवसेना ने अपने एक तट-रक्षक जहाज का नाम भी इनके नाम पर रखा है।

समीक्षा
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  • author
    गौरी शुक्ला
    03 अप्रैल 2018
    अति उत्तम।ये कविता तो पहले भी बुक में पढ़ी थी लेकिन वहां पे अधूरी थी,आज पूरी कविता पढ़ी है तो सच मे बहुत खुशी हो रही है। आपकी कविता की हर पंक्ति में अपना अलग ही भाव है। जिसे हम महसूस कर सकते है!
  • author
    28 मई 2020
    बेहद सुन्दर प्रस्तुति
  • author
    Hemalata Godbole
    16 अगस्त 2021
    आपको बहुत धन्यवाद , पने पूरी कविता देदी! बहुत लोगों ने कहा होगा पर मैं ने कहा था आपने दी बस ! झांसी की रानी और यहकदंब का पेड़ कविताएं भी बहुत सुंदर हैं । धन्यवाद आपका श💞💞💞💞🙏✍🏼✍🏼✍🏼💕💕🦚🦚🦚
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    गौरी शुक्ला
    03 अप्रैल 2018
    अति उत्तम।ये कविता तो पहले भी बुक में पढ़ी थी लेकिन वहां पे अधूरी थी,आज पूरी कविता पढ़ी है तो सच मे बहुत खुशी हो रही है। आपकी कविता की हर पंक्ति में अपना अलग ही भाव है। जिसे हम महसूस कर सकते है!
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    28 मई 2020
    बेहद सुन्दर प्रस्तुति
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    Hemalata Godbole
    16 अगस्त 2021
    आपको बहुत धन्यवाद , पने पूरी कविता देदी! बहुत लोगों ने कहा होगा पर मैं ने कहा था आपने दी बस ! झांसी की रानी और यहकदंब का पेड़ कविताएं भी बहुत सुंदर हैं । धन्यवाद आपका श💞💞💞💞🙏✍🏼✍🏼✍🏼💕💕🦚🦚🦚