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मेरा जोगी

4.9
26

मन आज तुम्हें ही ढूढ रहा है..ढूढ ढूढ कर थक जाता है..तो सोचता है..बस नींद आ जाये..और नींद..में ख्बाब..और ख्बाब में ..आ जाये....मेरा जोगी.. हालांकि तुमने कहा था..मैं तुम्हें ..मन्नत के धागों से न ...

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लेखक के बारे में
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लेखिका अंजू

ईश्वर हर उस शख्स को सुकून दें जो अपनी हालत किसी को बता नहीं सकता..!!❤️

समीक्षा
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    Pappi Jat
    05 ഡിസംബര്‍ 2021
    वाह जी वाह बहुत खूब चिठ्ठी फूल भी बनेंगी ओर मेहकेगी भी सारे जहां में मन में तो विश्वास है कि जबतक सासें है तब तक तो चिठ्ठी आती हि रहेगी। जयहो भोलेनाथ शम्भु जयहो सब का भलाहो
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    05 ഡിസംബര്‍ 2021
    🙏✍️🛐💖🤗🙃💘💗💗🎶💧😂😇🎉💟🤔♥️💃🕺👌😇🎉💟💖🛐✍️✍️💟✍️🤔♥️🙏🛐🛐🛐🛐🛐✍️✍️✍️✍️✍️✍️
  • author
    S. M. Singh
    05 ഡിസംബര്‍ 2021
    bhut hi sundr di 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
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    Pappi Jat
    05 ഡിസംബര്‍ 2021
    वाह जी वाह बहुत खूब चिठ्ठी फूल भी बनेंगी ओर मेहकेगी भी सारे जहां में मन में तो विश्वास है कि जबतक सासें है तब तक तो चिठ्ठी आती हि रहेगी। जयहो भोलेनाथ शम्भु जयहो सब का भलाहो
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    05 ഡിസംബര്‍ 2021
    🙏✍️🛐💖🤗🙃💘💗💗🎶💧😂😇🎉💟🤔♥️💃🕺👌😇🎉💟💖🛐✍️✍️💟✍️🤔♥️🙏🛐🛐🛐🛐🛐✍️✍️✍️✍️✍️✍️
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    S. M. Singh
    05 ഡിസംബര്‍ 2021
    bhut hi sundr di 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻