मेरा ढेर सारा प्यार मेरी नन्ही परी यूँ तो मैं तुम्हें कोई आशीष नहीं दे सकती हूँ ना ही तुम्हारे अस्तित्व की मंगलकामना ही कर सकती हूँ क्योंकि तुम्हारा अस्तित्व बनने से पहले ही मिटा दिया गया मेकोख में । ...
बेबस ममता की व्यथा
दिल में मचल रही एक बेबस माँ की करुण व्यथा उभर आई है इस लेख में| एक परिवार की कठोर हठधर्मिता अभिशाप बन गयी एक मासूम कली के लिए, जिसे खामोश कर दिया गया उस प्राण कोठरी में जिसे हम कोख कहते है| वो तय भी न कर पाई कोख से गोद तक का सफ़र, वो साँस भी न ले पाई इस जहाँ की खुली हवा में, वो सुन भी नहीं पाई ममतामयी लोरी, चीत्कार में बदल गयी जिसकी किलकारी, जो गयी थी जीने से पहले मारी| आपकी इस लेखनी ने झकझोर दिया है अंदर गहराई तक| काश माँ इतनी बेबस नहीं होती, प्रतिकार किया होता उसने उस पुरुष दंभ का और बचा लेती अपनी जिंदगी के अंश को अस्तित्व को|
-राजेंद्र गुलेच्छा
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दिल में मचल रही एक बेबस माँ की करुण व्यथा उभर आई है इस लेख में| एक परिवार की कठोर हठधर्मिता अभिशाप बन गयी एक मासूम कली के लिए, जिसे खामोश कर दिया गया उस प्राण कोठरी में जिसे हम कोख कहते है| वो तय भी न कर पाई कोख से गोद तक का सफ़र, वो साँस भी न ले पाई इस जहाँ की खुली हवा में, वो सुन भी नहीं पाई ममतामयी लोरी, चीत्कार में बदल गयी जिसकी किलकारी, जो गयी थी जीने से पहले मारी| आपकी इस लेखनी ने झकझोर दिया है अंदर गहराई तक| काश माँ इतनी बेबस नहीं होती, प्रतिकार किया होता उसने उस पुरुष दंभ का और बचा लेती अपनी जिंदगी के अंश को अस्तित्व को|
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