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मेमसाहब

4.3
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अंग्रेज चले गए लेकिन कुछ अंग्रेजियत हमारे देश में ही सदा के लिए छोड़ गए | इन्हीं में से एक है – प्रशासनिक अधिकारियों को साहब तथा उनकी धर्मपत्नियों को मेमसाहब कहने की परम्परा | जो , आज भी अपनी पूरी ...

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लेखक के बारे में

शिक्षा – एम्.ए. ( हिन्दी ) सम्प्रति – कंटेंट एडिटर, प्रतिलिपि कॉमिक्स प्रकाशित पुस्तकें – तिराहा,बेगम हज़रत महल (उपन्यास ) अनतर्मन के द्वीप, पॉर्न स्टार और अन्य कहानियां – कहानी संग्रह कई कवितायें ,कहानियाँ एवं लेख पत्र - पत्रिकाओं और कई ब्लॉग्स पर प्रकाशित।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    रुचिका मेहता
    17 फ़रवरी 2017
    ये कहानी जाने कितनी ही लड़कियों का सच है ..... चुप रहना, दबे रहना, और दुनिया के सामने बस हँसना.
  • author
    डा. मनसा पाण्डेय
    09 जून 2017
    kahani blkul ytharth ke Krib hai
  • author
    Manju Saini
    21 नवम्बर 2020
    अगर पति सही ना हो तो,,औरत की जिन्दगी सांप और छछूंदर की तरह होती है शादी के बाद में,, बच्चे हो जाएं तो उसे ना उगलते बनता ना ही निगलते।
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    रुचिका मेहता
    17 फ़रवरी 2017
    ये कहानी जाने कितनी ही लड़कियों का सच है ..... चुप रहना, दबे रहना, और दुनिया के सामने बस हँसना.
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    डा. मनसा पाण्डेय
    09 जून 2017
    kahani blkul ytharth ke Krib hai
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    Manju Saini
    21 नवम्बर 2020
    अगर पति सही ना हो तो,,औरत की जिन्दगी सांप और छछूंदर की तरह होती है शादी के बाद में,, बच्चे हो जाएं तो उसे ना उगलते बनता ना ही निगलते।