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मै और तुम

3.8
1243

मैंने जो किया तुम न कर सकोगे तुमने जो किया कुछ ख़ास नहीं अभिमान ? नहीं ,मुझे निज पर है गर्व क्यों न हो , मै, मै हूँ पर तुम क्या हो ? अरे ……… तुम और मै, में इतना फासला !!! कैसे अंकुरित होगा प्यार का ...

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लेखक के बारे में
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Arungovind Maurya
    25 अक्टूबर 2018
    एक सुंदर अभिलाषा ,,जो पूरा नही हुआ । उत्कृष्ट पंक्तियाँ।।
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    24 दिसम्बर 2021
    बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ।
  • author
    Sumedha Prakash
    10 अक्टूबर 2018
    सुंदर पैगाम
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    Arungovind Maurya
    25 अक्टूबर 2018
    एक सुंदर अभिलाषा ,,जो पूरा नही हुआ । उत्कृष्ट पंक्तियाँ।।
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    24 दिसम्बर 2021
    बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ।
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    Sumedha Prakash
    10 अक्टूबर 2018
    सुंदर पैगाम