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मेहनतकश मजदूर

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जीवनमजदूर-विमर्श

शहर वीरान है सड़कें और गालियां सुनसान हैं लोगों में खौफ़ का आलम है। अट्टालिकाओं में रहने वालें पूंजीपतियों में वायरस का खौफ़ है तो सड़कों पर भटकने वाले मेहनतकश ...

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लेखक के बारे में
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अजय यायावर

स्वतंत्र युवा आशु कवि एवं समसामयिक घटनाओं पर लेखन। सुपौल, बिहार (852131) दूरभाष सं०-9431047074

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Vijaykant Verma
    05 अप्रैल 2020
    आप बहुत अच्छी कविता लिखते हैं। एक दिन आप बहुत ऊंचाई पर पहुंचेंगे।।
  • author
    M.C. Meena
    10 अप्रैल 2020
    बहुत अच्छे भावार्थ के साथ खूबसूरत कविता।
  • author
    20 फ़रवरी 2022
    👌👌👌
  • author
    आपकी रेटिंग

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  • author
    Vijaykant Verma
    05 अप्रैल 2020
    आप बहुत अच्छी कविता लिखते हैं। एक दिन आप बहुत ऊंचाई पर पहुंचेंगे।।
  • author
    M.C. Meena
    10 अप्रैल 2020
    बहुत अच्छे भावार्थ के साथ खूबसूरत कविता।
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    20 फ़रवरी 2022
    👌👌👌