मेरे महबूब तेरे नाम की मेंहदी अपने हाथों में रचाली है ख्वाब में जो आई थी नजर तेरी सूरत, उसकी तस्वीर अपने दिल में बनाली है दिन इत्र और रात गजरे सी महकने लगी है, जब से मैंने शादी रचाली है ...
बहुत सुंदर सर , शादीशुदा ...आज के विषय के मुताबिक सबसे सकारात्मक व महकती हुई रचना , सचमुच बहुत अच्छा लगा वरना तो पता नहीं क्यों सब इसके नकारात्मक पहलुओं पर ही ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं वो भी हास्य का नाम देकर 🙏
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बहुत सुंदर सर , शादीशुदा ...आज के विषय के मुताबिक सबसे सकारात्मक व महकती हुई रचना , सचमुच बहुत अच्छा लगा वरना तो पता नहीं क्यों सब इसके नकारात्मक पहलुओं पर ही ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं वो भी हास्य का नाम देकर 🙏
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