मौत तुझ पर आज लिख रही हूं मैं एक कविता जिन्दगी जीने को मौत तू भी साथ चल ऊब जाए जब मन इस मुसीबतों से भरी दुनिया के संघर्षों से तो दोनों साथ-साथ चल पड़ेंगे खुशी से तू जहां भी ले जाए इस जहां से उस ...
चित्रकार,पत्रकार,साहित्यकार
जीव विज्ञान की व्याख्याता (पच्चीस साल)रही, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य राज उच्च माध्यमिक विद्यालय से
अब तक खूब पढ़ा, पढ़ाया अब कुछ सालों से लगातार लेखन का प्रयास।
सारांश
चित्रकार,पत्रकार,साहित्यकार
जीव विज्ञान की व्याख्याता (पच्चीस साल)रही, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य राज उच्च माध्यमिक विद्यालय से
अब तक खूब पढ़ा, पढ़ाया अब कुछ सालों से लगातार लेखन का प्रयास।
रिपोर्ट की समस्या
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