यह घटना आज से लगभग चालीस साल पुरानी है..जब एक भटकती रूह का कहर हमारे गाँव पर टूटा था.. एक ऐसी रूह जो मौत बाँटती थी.. वह कभी भी ..कहीं भी..किसी को भी अपना शिकार बना लेती थी..इतने साल बीत जाने के ...
यह घटना आज से लगभग चालीस साल पुरानी है..जब एक भटकती रूह का कहर हमारे गाँव पर टूटा था.. एक ऐसी रूह जो मौत बाँटती थी.. वह कभी भी ..कहीं भी..किसी को भी अपना शिकार बना लेती थी..इतने साल बीत जाने के ...