मौन मे ही तो प्रेम भासता है ……… शाश्वत सत्य है मगर आज का प्रेम शब्दो का मोहताज़ हो गया है, दिखावे की वेदी पर चढ गया है वास्तव मे तो प्रेम का मूल अर्थ ही मिट गया है अब प्रेम सिर्फ़ एक शब्द ही रह गया ...
मौन मे ही तो प्रेम भासता है ……… शाश्वत सत्य है मगर आज का प्रेम शब्दो का मोहताज़ हो गया है, दिखावे की वेदी पर चढ गया है वास्तव मे तो प्रेम का मूल अर्थ ही मिट गया है अब प्रेम सिर्फ़ एक शब्द ही रह गया ...