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मौन मे ही तो प्रेम भासता है ……

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मौन मे ही तो प्रेम भासता है ……… शाश्वत सत्य है मगर आज का प्रेम शब्दो का मोहताज़ हो गया है, दिखावे की वेदी पर चढ गया है वास्तव मे तो प्रेम का मूल अर्थ ही मिट गया है अब प्रेम सिर्फ़ एक शब्द ही रह गया ...

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लेखक के बारे में

मेरा परिचय नाम: वन्दना गुप्ता जन्म तिथि : 8-6-1967 स्नातक : कामर्स ( दिल्ली यूनिवर्सिटी , भारती कॉलेज ) डिप्लोमा : कम्प्यूटर मेल : [email protected] विधाएँ : कविता, उपन्यास, कहानी, समीक्षा, लेख कविता संग्रह : 1) “ बदलती सोच के नए अर्थ” (हिंदी अकादमी दिल्ली के सौजन्य से) 2) प्रश्नचिन्ह...आखिर क्यों ?, 3) कृष्ण से संवाद, 4) गिद्ध गिद्दा कर रहे हैं 5) भावरस माल्यम, 6) बहुत नचाया यार मेरा, 7) प्रेम नारंगी देह बैंजनी कहानी संग्रह : “बुरी औरत हूँ मैं” जनवरी 2017 उपन्यास : “अँधेरे का मध्य बिंदु” जनवरी 2016 “शिकन के शहर में शरारत” मार्च 2019 समीक्षा संग्रह :1) “सुधा ओम ढींगरा – रचनात्मक दिशाएं” 2) “अपने समय से संवाद” – (केन्द्रीय हिंदी निदेशालय के सौजन्य से प्रकाशित ) इ - कहानी संग्रह : “अमर प्रेम व अन्य कहानियाँ” जनवरी 2016 नॉटनल पर इ – कविता संग्रह : “ये बेहया बेशर्म औरतों का ज़माना है” स्टोरी मिरर ऑनलाइन पोर्टल पर साझा कहानी संग्रह : 1) अंतिम पड़ाव 2) कितने गुलमोहर प्रकाशित साझा कविता संग्रह : 17 साझा संग्रहों में कवितायें प्रकाशित प्रकाशित साझा पुस्तकें : 9 साझा संग्रहों में आलेख, समीक्षा, व्यंग्य आदि प्रकाशित प्रकाशित रचनायें : सभी प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं तथा वैब माध्यमों आदि पर कहानी , कविता , समीक्षा और आलेख प्रकाशित कविता कोष, हिंदी समय, भारतकोश पर कवितायेँ सम्मिलित आल इंडिया रेडियो पर कई बार कविता पाठ सम्मान : शोभना काव्य सृजन सम्मान – 2012 "हिन्दुस्तानी भाषा साहित्य समीक्षा सम्मान"- 2015 अनुवाद : अंग्रेजी, सिन्धी , पंजाबी और नेपाली में कविताओं का अनुवाद तीन ब्लॉग : ज़िन्दगी एक खामोश सफ़र , ज़ख्म जो फूलों ने दिए , एक प्रयास मेरी किताबें पढने के लिए यहाँ से संपर्क कर सकते हैं : वंदना गुप्ता का पहला उपन्यास अंधेरे का मध्य बिन्दु बिक्री के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है.... http://www.amazon.in/gp/product/9385296256… http://www.hindibook.com/index.php?p=sr प्रेम नारंगी देह बैंजनी https://www.amazon.in/PREM-NARANGI-BAINJANI-VANDANA-GUPTA/dp/B07PN6HSZB/ref=sr_1_1?keywords=prem narangi deh bainjani by vandana gupta शिकन के शहर में शरारत https://www.amazon.in/SHIKAN-KE-SHEHER-MEIN-SHARARAT/dp/B07PN6C4Q8/ref=sr_1_16?crid=1PCIG2PQ8A3HW कविता संग्रह 'गिद्ध गिद्दा कर रहे हैं' अब अमेज़न पर भी उपलब्ध है..... https://www.amazon.in/dp/B079X11XN4 जो अमेज़न से मंगवाना चाहें उनके लिए लिंक दे दिया है क्योंकि बहुत से लोग कहते हैं हमें अमेज़न का लिंक दो . लेकिन जिन्हें कीमत ज्यादा लगे तो प्रकाशक Niraj Sharma जी से संपर्क कर सिर्फ 200रु की कीमत पर प्राप्त कर सकते हैं ......उनका नंबर है ....8630479331 , 9837244343 कहानी संग्रह : बुरी औरत हूँ मैं - APN Publications प्रकाशक निर्भय कुमार - M : 8766370387 http://www.amazon.in/BURI-AURAT-MAIN-ब-र-औरत/dp/9385296523/ref=sr_1_3?ie=UTF8

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Anup Kumar
    08 ജൂണ്‍ 2020
    आज मैं वंदना मेडम कि एक लम्बी कविता "मौन मे ही प्रेम भासता है....."पढ़ी जो अन्त तक मन को बाँधे रखा. इनकी मैने अनेको कहानियां एंव कविताएं पढ़ चूका हूँ.ये हर विषय पर लिखती है.'प्रेम'शब्द को विभिन्न कोणो से आंका जा सकता है।प्रेमी-प्रेमिका का प्यार, पति-शेष फिर। कभी. अनुप कुमार, वन विभाग, राँची..878 935 9681.
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    22 ജൂണ്‍ 2023
    वास्तव में प्रेम आडम्बर से परे अनुभूति का विषय है , इस तथ्य का गहन विवेचन करती सुन्दर रचना । हार्दिक साधुवाद
  • author
    Manjit Singh
    03 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    कविता पढ़ते मैं तो प्रेम रूप हो गया
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    Anup Kumar
    08 ജൂണ്‍ 2020
    आज मैं वंदना मेडम कि एक लम्बी कविता "मौन मे ही प्रेम भासता है....."पढ़ी जो अन्त तक मन को बाँधे रखा. इनकी मैने अनेको कहानियां एंव कविताएं पढ़ चूका हूँ.ये हर विषय पर लिखती है.'प्रेम'शब्द को विभिन्न कोणो से आंका जा सकता है।प्रेमी-प्रेमिका का प्यार, पति-शेष फिर। कभी. अनुप कुमार, वन विभाग, राँची..878 935 9681.
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    अरविन्द सिन्हा
    22 ജൂണ്‍ 2023
    वास्तव में प्रेम आडम्बर से परे अनुभूति का विषय है , इस तथ्य का गहन विवेचन करती सुन्दर रचना । हार्दिक साधुवाद
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    Manjit Singh
    03 സെപ്റ്റംബര്‍ 2020
    कविता पढ़ते मैं तो प्रेम रूप हो गया