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मौजूद..

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अभी तक मौजूद हैं इस दिल पे तेरे क़दमों के निशान, हमने तेरे बाद किसी को इस राह से गुजरने नहीं दिया__!! ...

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समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    मनोज चौकीकर
    01 मार्च 2020
    किसी को चाहा भी तो क्या चाहा। खुशीं उसकी खुदा से हर पल चाहा।। मुकद्दर से शिकायत नहीं कि वो न मिलें। रूह ने उसे चाहा बस बेइन्तेहाँ चाहा।।
  • author
    Jyoti Sharma
    01 मार्च 2020
    नमस्ते 🙏जी ,बहुत बहुत शानदार रचना....... 👌👌👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💕💕💕❤❤❤❤❤
  • author
    S K "सुंदर"
    01 मार्च 2020
    बहोत अच्छा लिखा है जी👌👌👌 बस थोडा दो बार की खुशबू को एकही बार रखे आखरी पंक्ती मे कोई और शब्द लिजीए मजा आ जायेगा जी
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    मनोज चौकीकर
    01 मार्च 2020
    किसी को चाहा भी तो क्या चाहा। खुशीं उसकी खुदा से हर पल चाहा।। मुकद्दर से शिकायत नहीं कि वो न मिलें। रूह ने उसे चाहा बस बेइन्तेहाँ चाहा।।
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    Jyoti Sharma
    01 मार्च 2020
    नमस्ते 🙏जी ,बहुत बहुत शानदार रचना....... 👌👌👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍💐💐💐💐💐🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💕💕💕❤❤❤❤❤
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    S K "सुंदर"
    01 मार्च 2020
    बहोत अच्छा लिखा है जी👌👌👌 बस थोडा दो बार की खुशबू को एकही बार रखे आखरी पंक्ती मे कोई और शब्द लिजीए मजा आ जायेगा जी