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मौज

3.5
58263

"डीजे वाले बाबु मेरा गाना तो ...." दिल्ली के एक पब में रात के ९ बजे सोनम अपनी तीन सहेलियों के साथ आयी हुई थी | सोनम बरेली से थी और दिल्ली में हॉस्टल में रहकर पढाई कर रही थी | आज उनका एग्जाम ख़तम हुआ ...

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अज्ञात
समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    कोमल राजपूत
    27 फ़रवरी 2018
    Sahi kiya Bewajh Apni publicity k chakkr me ladke ki life kharb krdi ab atleast pta to chalega k feminism Ka actual meaning Kya h..
  • author
    गुमनाम
    03 नवम्बर 2016
    बहुत ही घटिया रचना है । ऐसा प्रतीत होता है कि इसे एसिड अटैक को सही ठहराने के मंतव्य से लिखा गया है। एसिड अटैक या बलात्कार जैसी घटनाओं को किसी भी नजरिये से सही नहीं ठहराया जाना चाहिए। शायद लेखक ऐसी ही मानसिकता के शिकार हैं जैसा उन्होंने कहानी में लिखा है।
  • author
    Preeti Chauhan
    18 मई 2019
    लड़की पर एसिड फेंकना बिल्कुल भी सही नहीं था... हां कुछ गलती सोनम की भी थी... उसने sach जानने की कोशिश नहीं की... उस लड़के की भी गलती थी.. उसको ड्रिंक नहीं करना चाहिए था... पर सबसे गलती ये हुई कि किसी ने लड़के की बात नहीं सुनी... at least court bhi एक मौका देती है अपनी बात कहने का... क्या समाज के लोग उस से भी बड़े हो गए हैं जो किसी की बात सुनना ही नहीं चाहते??? पर सच यही है...
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    कोमल राजपूत
    27 फ़रवरी 2018
    Sahi kiya Bewajh Apni publicity k chakkr me ladke ki life kharb krdi ab atleast pta to chalega k feminism Ka actual meaning Kya h..
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    गुमनाम
    03 नवम्बर 2016
    बहुत ही घटिया रचना है । ऐसा प्रतीत होता है कि इसे एसिड अटैक को सही ठहराने के मंतव्य से लिखा गया है। एसिड अटैक या बलात्कार जैसी घटनाओं को किसी भी नजरिये से सही नहीं ठहराया जाना चाहिए। शायद लेखक ऐसी ही मानसिकता के शिकार हैं जैसा उन्होंने कहानी में लिखा है।
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    Preeti Chauhan
    18 मई 2019
    लड़की पर एसिड फेंकना बिल्कुल भी सही नहीं था... हां कुछ गलती सोनम की भी थी... उसने sach जानने की कोशिश नहीं की... उस लड़के की भी गलती थी.. उसको ड्रिंक नहीं करना चाहिए था... पर सबसे गलती ये हुई कि किसी ने लड़के की बात नहीं सुनी... at least court bhi एक मौका देती है अपनी बात कहने का... क्या समाज के लोग उस से भी बड़े हो गए हैं जो किसी की बात सुनना ही नहीं चाहते??? पर सच यही है...