किसी ऐसे रास्ते पर जहा से वापस आने का मतलब नहीं किसी ऐसी मंजिल की तलाश पर ,जिसकी मुझे तलब नहीं; फिर भी चल रही हूं किसी ओर के लिए में बेमन से। रास्ता ये मुश्किल है, और दिल में डर का भाव भी, सुकून कहीं ...
निगाहों को अपनी मंजिल पर टिकाकर
निकले है खुद में जोश जगाकर;
की देखना जीत लेंगे ये आसमा,
अब उड़ना है हमें पंख फैलाकर ।
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सारांश
निगाहों को अपनी मंजिल पर टिकाकर
निकले है खुद में जोश जगाकर;
की देखना जीत लेंगे ये आसमा,
अब उड़ना है हमें पंख फैलाकर ।
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रिपोर्ट की समस्या
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