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माथा चूम लिया...

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मुझसा 'पगला' न मिलेगा तुझको मेरी जान, तुझे पाने की ख़ातिर रग-रग में जुनून लिया। 'न चाहूँ मैं भी कोई और तेरे सिवा' कहकर, बड़े ही प्यार से उसने मेरा माथा चूम लिया।।

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लेखक के बारे में
author
महेश कुमार

जो सोचता हूँ, वो बात लिखता हूँ, ख़्वाहिशों के अल्फ़ाज़ लिखता हूँ..

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    रूप नारायन "Roop"
    14 फ़रवरी 2020
    सार्थक, भावपूर्ण, प्यार भरी खुबसूरत पंक्तियाँ..👌👌👌💐💐
  • author
    Ñâdëēm
    13 फ़रवरी 2020
    शानदार भावपूर्ण लफ़्ज़ों से ओतप्रोत 💐💐💐
  • author
    Asha garg
    13 फ़रवरी 2020
    Behad khoobsurt abhivyakti 👌👌👍👍
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    रूप नारायन "Roop"
    14 फ़रवरी 2020
    सार्थक, भावपूर्ण, प्यार भरी खुबसूरत पंक्तियाँ..👌👌👌💐💐
  • author
    Ñâdëēm
    13 फ़रवरी 2020
    शानदार भावपूर्ण लफ़्ज़ों से ओतप्रोत 💐💐💐
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    Asha garg
    13 फ़रवरी 2020
    Behad khoobsurt abhivyakti 👌👌👍👍