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मसाण ( उत्तराखंड लोक कथा )

4.9
79

जब मसान को मिला उसका गुरु! पहाड़ के एक गावँ में एक भयानक मसाण ( एक प्रकार का राक्षस,) लग गया था। शाम ढलते ही , मशाण का गावँ में आगमन हो जाता था । और जो भी बाहर मिलता उसे उठा कर ले जाता लेता था। ...

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लेखक के बारे में
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कमलेश बोहरा

Insta I'd -- _akaay_0 User Name -- Kamlesh Bohra मैं भीतर गया, मैं भी तर गया! 🙏 श्री श्याम शरणम 🙏

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Shailja Joshi
    13 अक्टूबर 2022
    hmm Maine bhi padi hai.. or aisi kai kahaniyan hamari maa bhi batati thi..
  • author
    Dr. Sunil Kr. Mishra
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी लाजवाब सृजन आपका।
  • author
    asha singh
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत सुंदर लोककथा जो समय पर बुद्धि और साहस के प्रयोग की शिक्षा देती है।
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    Shailja Joshi
    13 अक्टूबर 2022
    hmm Maine bhi padi hai.. or aisi kai kahaniyan hamari maa bhi batati thi..
  • author
    Dr. Sunil Kr. Mishra
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत ही बेहतरीन एवम भावपूर्ण अभिव्यक्ति आपकी लाजवाब सृजन आपका।
  • author
    asha singh
    12 अक्टूबर 2022
    बहुत सुंदर लोककथा जो समय पर बुद्धि और साहस के प्रयोग की शिक्षा देती है।