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मरलोक का रहस्य

3.9
9311

मरलोक रहस्य – मैंने जैसे ही आँखें मूंदी तो मैंने अपने आपको दूसरे लोक में पाया, मैं नहीं जानती मैं कैसे इस लोक में आ पहुँची |मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी जिन्दगी छीन ली हो और मैं जीवन –शून्य हो गयी ...

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लेखक के बारे में

सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी | हिन्दी में बैंकिंग विषयों पर नौ पुस्तकें प्रकाशित | एक पुस्तक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित |

समीक्षा
  • author
    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    अभिलाष दत्ता
    28 दिसम्बर 2017
    बहुत ही लाजवाब । एकदम नया थीम , बाकी लेख़क सब को आपसे सीखने की जरूरत है ।। आपने सभी के लिए एक स्टैण्डर्ड सेट कर दिया है
  • author
    Ankita Dewan
    25 मई 2018
    एकदम बोगस स्टोरी. . क्या बकवास थी. अंत तोह एकदम खराब था. अपनी लेखनी पे ध्यान दीजिये
  • author
    siddharth jain
    01 नवम्बर 2017
    बहुत अच्छी कहानी थी। पर मुझे दुःख इस बात का है की आपने कहानी का दूसरा रहस्य नही खोला।
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    अभिलाष दत्ता
    28 दिसम्बर 2017
    बहुत ही लाजवाब । एकदम नया थीम , बाकी लेख़क सब को आपसे सीखने की जरूरत है ।। आपने सभी के लिए एक स्टैण्डर्ड सेट कर दिया है
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    Ankita Dewan
    25 मई 2018
    एकदम बोगस स्टोरी. . क्या बकवास थी. अंत तोह एकदम खराब था. अपनी लेखनी पे ध्यान दीजिये
  • author
    siddharth jain
    01 नवम्बर 2017
    बहुत अच्छी कहानी थी। पर मुझे दुःख इस बात का है की आपने कहानी का दूसरा रहस्य नही खोला।