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मर्द के आँसू

4.7
770

मैं आजकल खूब हँसता हूँ | इतना हँसता हूँ की लोग हैरान हो जाते हैं| क्योंकि....आंसुओं को रोकने का कोई और तरीका नहीं आता| चूंकि मर्द हूँ; खुल के रो भी नहीं सकता अगर किसी ने आँखों में नमी देख ली तो ...

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लेखक के बारे में
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संदीप वर्मा

मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के बहराच जिले में जनवरी 1991 में एक किसान परिवार में हुआ| मै वर्तमान में एक आई. टी. कंपनी में कार्यरत हूं। लेखन मेरा शौक है और लेखक बनने की चाहत मन में है। उसी चाहत को जीने के लिए यहां पर हूं। आशा करता हूं मेरी रचनाएं आपको एक नया नज़रिया देंगी।

समीक्षा
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    आपकी रेटिंग

  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sonu Shrma "महेश"
    16 अगस्त 2022
    अभी को हाइक में यही है भैया
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    18 दिसम्बर 2021
    बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ।
  • author
    PANKAJ KUMAR SRIVASTAVA
    26 जनवरी 2020
    बहुत बढीया ।कृपया मेरी रचनाये भी पढे ।
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  • author
    Sonu Shrma "महेश"
    16 अगस्त 2022
    अभी को हाइक में यही है भैया
  • author
    अरविन्द सिन्हा
    18 दिसम्बर 2021
    बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ।
  • author
    PANKAJ KUMAR SRIVASTAVA
    26 जनवरी 2020
    बहुत बढीया ।कृपया मेरी रचनाये भी पढे ।