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मर्द होने की सजा अजामिल

4.2
3956

दादू बालकनी में बैठे थे । मुन्ना चाचा ने दफ्तर से छुट्टी ली थी सो कमरे में लेटे थे । बहुत दिनों के बाद ये मौका मिला था । भाभी बिटटू को तैयार कर रही थी । हालांकि बिट्टू की भी छुट्टी थी । भाभी को ...

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लेखक के बारे में

मूल नाम आर्य रत्न व्यास उपनाम अजामिल जन्म 12 ..8 .48 शिक्षा एम ए हिंदी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्रकाशित पुस्तकें त्रयी एक कविता वृत काव्य संकलन मैं कविताएं संपादक डॉक्टर जगदीश गुप्त औरतें जहां भी हैं कविता संकलन काला इतिहास कविता संकलन सातवें दशक की सर्वश्रेष्ठ कविताएं संपादन डॉक्टर बच्चन और घंटी यो बंधी बाल कथा संग्रह सजा मिली बिल्लो रानी को बाल कविता संग्रह एक और एकलव्य कथा संग्रह मैं कहानी कविताएं प्रकाशित हुई इसके अलावा देश की लगभग सभी चर्चित पत्र-पत्रिकाओं में लेख कहानियां कविताएं चित्रांकन छायांकन प्रकाशित फिल्म एवं वृत्तचित्र निर्माण कथाकार अमरकांत कथा लेखक एवं आलोचक लक्ष्मीकांत वर्मा कवि एवं आलोचक डॉक्टर जगदीश गुप्त पर वृत्तचित्रों का निर्माण एवं निर्देशन दूरदर्शन केंद्र के लिए टेली फिल्म सड़क कहां निर्माण लेखन एवं निर्देशन देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में 500 से अधिक रेखाचित्रों पेंटिंग्स और छायाचित्रों का प्रकाशन रंगमंच पर अभिनय एवं निर्देशन में सक्रिय 300 से ज्यादा नाटकों का निर्देशन दो नाटक शायद सच यही है और उसका वेतन का लेखन एवं निर्देशन कई रेडियो नाटक और फीचर लिखे जिनका देश के कई आकाशवाणी केंद्र से प्रसारण हुआ संप्रति टेलीविजन चैनल से संपत मोबाइल नंबर 09889722209

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    GOKLA RAM
    09 जुलाई 2018
    व्यास जी आपकी सबसे बेहतरिन रचना को पढकर अच्छा लगा । आपने जिस तरह से वर्णन किया यह आज कि स्थिति को बेखुबी दिखा रहा है
  • author
    06 अगस्त 2017
    सबको एक जैसा नहीं समझना चाहिए.... क्योंकि सब एक जैसे नहीं होते.....?
  • author
    कोमल राजपूत
    29 अप्रैल 2018
    सच है कि सब एक जैसे नहीं होते पर भरोसा भी किस पर कैसे करें ये बहुत मुश्किल है साथ ही डर भी कि कहीं इस भरोसे की कीमत न चुकानी पड़े।
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    GOKLA RAM
    09 जुलाई 2018
    व्यास जी आपकी सबसे बेहतरिन रचना को पढकर अच्छा लगा । आपने जिस तरह से वर्णन किया यह आज कि स्थिति को बेखुबी दिखा रहा है
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    06 अगस्त 2017
    सबको एक जैसा नहीं समझना चाहिए.... क्योंकि सब एक जैसे नहीं होते.....?
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    कोमल राजपूत
    29 अप्रैल 2018
    सच है कि सब एक जैसे नहीं होते पर भरोसा भी किस पर कैसे करें ये बहुत मुश्किल है साथ ही डर भी कि कहीं इस भरोसे की कीमत न चुकानी पड़े।