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मंजिल मिल जायेगी....

4.9
67

हां लकीरों का ना सही साथ तुझे कुछ कर दिखाने को ये बाजुएं तो मिली एक राह ना मिली फूलों से भरी पे की तनिक छांव तो मिली कालचक्र के इस पहिये में कहीं तो सुबह आएगी गिरते ही सही,भटकते ही सही मंजिल मिल ...

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लेखक के बारे में
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Aarush rathi

हकीकत पहले ख्वाब होती है,तुम देखना तुम मेरे ख्वाब में आए हो,तुम देखना ।© Poetric heart 💙 believe in love जो भावना अनायास मन में आती है वहीं शब्दों में लिखने की कोशिश करता हूं Goodness always comes back 😊🙏

समीक्षा
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  • कुल टिप्पणी
  • author
    Sudha yadav
    04 മെയ്‌ 2020
    बहुत सुंदर रचना 👏👏👏 कोशिश तो हर रोज करती हूं मंजिल को पाने की असफल भी हुई हूं हौसले मजबूत है इरादे भी दृढ़ हैं हर बार असफल ही हो जाऊं ये जरूरी तो नहीं........
  • author
    Anupama Rai "Anu"
    06 മെയ്‌ 2020
    बहुत सुंदरता से लिखा है आपने
  • author
    Khushbu Tyagi
    04 മെയ്‌ 2020
    wowww superb 👌👌👌👌👏👏👍👍💐💐
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    Sudha yadav
    04 മെയ്‌ 2020
    बहुत सुंदर रचना 👏👏👏 कोशिश तो हर रोज करती हूं मंजिल को पाने की असफल भी हुई हूं हौसले मजबूत है इरादे भी दृढ़ हैं हर बार असफल ही हो जाऊं ये जरूरी तो नहीं........
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    Anupama Rai "Anu"
    06 മെയ്‌ 2020
    बहुत सुंदरता से लिखा है आपने
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    Khushbu Tyagi
    04 മെയ്‌ 2020
    wowww superb 👌👌👌👌👏👏👍👍💐💐